28 करोड़ जमा नहीं करने पर रिसाली निगम हर माह बी.एस.पी. पर लगाएगा 2 प्रतिशत पेनाल्टी


रिसाली
नगर पालिक निगम रिसाली की आयुक्त मोनिका वर्मा ने भिलाई इस्पात संयंत्र को नोटिस जारी कर 28 करोड़ 86 लाख 30 हजार 37 रूपए जमा करने कहा है। राशि जमा नहीं करने पर कुल राशि पर 2 प्रतिशत पेनाल्टी हर माह जुड़ेगा। नगर पालिक निगम रिसाली ने संपत्तिकर की राशि कम होने पर वास्तवीक गणना कर नोटिस जारी किया है।
दरअसल नगर पालिक निगम भिलाई से अलग होकर बने रिसाली को भिलाई इस्पात संयंत्र हर वर्ष 1 करोड़ 52 लाख 41 हजार 45 रूपए संपत्तिकर के रूप में देता है। रिसाली निगम हर वर्ष संयंत्र के अधिकारियों को नए सिरे विवरणी कर राशि जमा करने की बात कह रही है। इसके बाद भी संयंत्र किसी तरह की रूचि नहीं दिखा रहा है। लगातार आय में कमी होने पर निगम आयुक्त मोनिका ने आवास समेत रिक्त भूमि की गणना कराने के बाद संपत्तिकर का निर्धारण करते नोटिस जारी की है।
वास्तविक टैक्स पर लगा पेनाल्टी
भिलाई इस्पात संयंत्र रिसाली को संपत्तिकर के रूप में 1 करोड़ 52 लाख 41 हजार 45 रूपए दे रहा है। वास्तविक गणना के बाद यह राशि बढ़कर 6 करोड़ 69 लाख 84 हजार 8 सौ 85 रूपए हो गई है। स्व विवरणी में गड़बड़ी होने पर एक्ट के तहत संपत्तिकर राशि में 5 गुना पेनाल्टी 23 करोड़ 50 लाख 6 हजार 5 सौ 45 रू. है। भिलाई इस्पात संयंत्र को अब पेनाल्टी के साथ कुल 28 करोड़ 86 लाख 3 हजार 37 रूपए जमा करना होगा।
इसका नहीं किया था निर्धारण
वास्तविक गणना में पाया गया कि इस्पात संयंत्र केवल टाउनशिन में बने रिहायशी आवास का संपत्तिकर दे रहा है। जबकि खाली जमीन, उद्यान, धार्मिक एवं व्यवसायिक परिसर का संपत्तिकर जमा ही नहीं कर रहा है। लगातार राजस्व की हानि पर रिसाली निगम ने सख्ती के साथ वसूली के लिए पत्र लिखा है।
लगेगा 2 प्रतिशत अधिभार
संयंत्र के अधिकारी अगर नोटिस में दर्शाए गई राशि को शीघ्र जमा नही करता है तो यह राशि हर माह बढ़ेगी। नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 138 की उपधारा 3 उपधारा 2 के अधीन एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिका भवन, भूमि के कर योग्य संपत्ति मूल्य का निर्धारण नियम 2021 के नियम 14 के अनुसार संपत्तिकर के अंतर की राशि तथा अंतर की राशि जमा करने की तिथि के बीच अंतर के प्रत्येक माह के लिए 2 प्रतिशत की दर से अधिभार लिया जाएगा।
वर्जन
रिसाली निगम ने भिलाई इस्पात संयंत्र को कर की राशि जमा करने कहा है। अगर भिलाई इस्पात संयंत्र इस संबंध में किसी भी प्रकार का पक्ष रखना चाहता है तो वह नोटिस प्राप्त होने से 15 दिवस के भीतर अपना पक्ष रख सकता है। पक्ष नहीं रखने पर अंतर की राशि और अधिरोपित राशि की वसूली नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार एकतरफा कार्यवाही की जाएगी

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