रायपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और रायपुर दक्षिण से पार्टी प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि राज्य में सतनामियों, आदिवासियों सहित ओबीसी में धर्मान्तरण के बढ़ते मामलों के कारण आरक्षण में डी-लिस्टिंग करना बहुत जरुरी हो गया है ताकि उनके आरक्षण का लाभ दूसरे धर्म वाले न उठा सकें।
उन्होंने कहा है कि हमारे संविधान में किसी भी व्यक्ति को उसकी जाति के कारण ही आरक्षण तथा सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है ताकि उसकी जाति का सामाजिक-आर्थिक विकास हो सके। लेकिन जब कोई व्यक्ति धर्म बदलने के कारण अपनी जाति छोड़ देता है तो ऐसे में उसे आरक्षण मिलते रहने से उसकी जाति का विकास कैसे हो पायेगा?
बृजमोहन अग्रवाल ने धर्मांतरण के बढ़ते मामलों के प्रति गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जो लोग धर्मान्तरित होकर अपनी जाति, अपने रीती-रिवाजों, परम्पराओं, मान्यताओं को छोड़ चुके हैं। उन्हें इनके हिस्से के आरक्षण और सरकारी योजनाओं का लाभ लेते रहने का अधिकार नहीं है। इसलिए ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें आरक्षण के लाभ से वंचित करना जरुरी है।
उन्होंने बीरनपुर की सांप्रदायिक हिंसा में युवक की निर्मम हत्या पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकारी छात्र-छाया मिलने के कारण ही धर्मान्तरण को बढ़ावा मिल रहा है. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाँधी और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को जवाब देना चाहिए कि देश में जहाँ-जहाँ उनकी सरकार रहती है वहां-वहां धर्मान्तरण की घटना में वृद्धि क्यों हो जाती है? छत्तीसगढ़ के शांत स्वभाव वाले आदिवासी समाज में धर्मान्तरण ने जहर घोल दिया है। धर्म बदलने वालों के शव को दफनाने को लेकर हिंसक झडपें हो जाती है।