नगरीय निकायों में महापौर और अध्यक्ष पदों का आरक्षण तय, जल्द लागू होगी आचार संहिता


रायपुर : छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। जहां राजनीतिक दल उम्मीदवारों को लेकर रणनीति बना रहे हैं, वहीं प्रशासन ने महापौर और अध्यक्ष पदों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शासन के निर्देशानुसार संबंधित जिलों के कलेक्टरों को 20 दिसंबर तक आरक्षण प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके बाद जल्द ही आचार संहिता लागू होने की संभावना है।

इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निकाय चुनाव को लेकर आचार संहिता लगाई जाएगी। वहीं, निकाय चुनाव को लेकर खासकर नगर निगमों में महापौर और नगर पालिकाओं में अध्यक्षों के आरक्षण को लेकर भाजपा-कांग्रेस के नेता अपने-अपने आंकलन बताने लगे हैं। हालांकि किस नगर निगम में महापौर की सीट किस वर्ग के लिए और नगर पालिकाओं में अध्यक्षों की सीट किस वर्ग के खाते में जाएगी ये तो आरक्षण के बाद ही पता चलेगा।

इस सप्ताह आरक्षण, दावेदार आएंगे सामने
चर्चा है कि प्रदेश के सभी नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों में आरक्षण की पूरी प्रक्रिया इस सप्ताह 20 दिसंबर तक हो जाएगी। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आचार संहिता लगाई जाएगी। (Chhattisgarh News) आरक्षण के बाद जिस वर्ग के लिए सीट आरक्षित होगी, उनके दावेदारों की फौज सामने आएगी। टिकट के दावेदार पार्टी में अपनी दावेदारी ठोकने के साथ सियासी जुगत भी बिठाने की जोर आजमाइश करते दिखेंगे।

रायपुर: अभी अनारक्षित, इस बार- ओबीसी या महिला सामान्य की चर्चा।
भिलाई: अभी अनारक्षित, इस बार – ओबीसी की चर्चा।
दुर्ग: अभी अनारक्षित , इस बार – अनारक्षित महिला या ओबीसी की चर्चा।
बिलासपुर: अभी अनारक्षित, इस बार- ओबीसी की चर्चा।
बिरगांव: अभी अनारक्षित, इस बार- ओबीसी महिला की चर्चा।
जगदलपुर: अभी अनारक्षित महिला, इस बार- ओबीसी या सामान्य की चर्चा।
चिरमिरी: अभी अनारक्षित महिल, इस बार- ओबीसी की चर्चा।
रायगढ: अभी एससी महिला, इस बार- एससी की चर्चा।
भिलाई चरौदा: अभी एससी , इस बार- एससी महिला की चर्चा।
रिसाली : अभी ओबीसी महिला, इस बार- एससी की चर्चा।
अंबिकापुर: अभी एसटी- इस बार एसटी महिला की चर्चा।
कोरबा: अभी ओबीसी , इस बार सामान्य की चर्चा।
धमतरी: अभी ओबीसी, इस बार सामान्य की चर्चा।
राजनांदगांव: अभी ओबीसी महिला- इस बार सामान्य की चर्चा।
सामान्य सीट परओबीसी व जनरल की दावेदारी

जिस नगर निगम और नगरपालिका में सीट सामान्य यानी अनारक्षित होगी, उस पर सामान्य वर्ग के अलावा ओबीसी वर्ग के नेता भी अपनी दावेदारी करने लगेंगे। वहीं एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित होने पर इन्ही दोनों वर्ग के नेता ही अपनी दावेदारी ठोक पाएंगे। (Chhattisgarh News) फिलहाल निकायों में अभी आरक्षण तक सियासत कड़ाके की ठंड की तरह ठंडी है। आरक्षण के बाद ही कड़ाके की ठंड में निकायों की सियासत उफान मारने लगेगी।


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