बिलासपुर। बहुचर्चित टूलकिट मामले में पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने दोनों के खिलाफ दर्ज सभी FIR निरस्त करने के आदेश दिए हैं। इस मामले को लेकर भाजपा ने राजधानी के सिविल लाइन थाने में जमकर प्रदर्शन किया था।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह व भाजपा नेता संबित पात्रा ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए टूल किट मामले में दर्ज FIR को निरस्त करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए पूर्व सीएम डॉ. सिंह, और संबित पात्रा के खिलाफ दर्ज सभी FIR निरस्त करने के आदेश दिए।
क्या है टूलकिट का मामला..?
पूर्व सीएम डॉ. सिंह ने 18 मई 2021 को अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पत्र पोस्ट किया था जिसमें दावा किया था कि देश का माहौल खराब करने के लिए कांग्रेस षड्यंत्र कर रही है। विदेशी मीडिया में देश को बदनाम किया जा रहा है। पात्रा ने भी ऐसी ही पोस्ट ट्विटर पर डाली थी।
डॉ रमन सिंह द्वारा किया गया ट्वीट :
इस ट्वीट को लेकर युवा कांग्रेस पदाधिकारियों ने पुलिस से शिकायत की थी, जिसके बाद डॉ. सिंह और डॉ. पात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस FIR को लेकर भाजपा ने राजधानी रायपुर में प्रदर्शन किया और सिविल लाइन थाने में प्रदर्शन भी किया था, इसमें शामिल भाजपा नेताओं ने खुद को गिरफ्तार करने की मांग भी की थी।
FILE PHOTO : सिविल लाइन थाने में प्रदर्शन करते भाजपा नेता
इस एफआईआर को दोनों नेताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि यह अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है, दोनों पर कोई आपराधिक मामला नहीं बनता। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने आगे की पुलिस जांच पर रोक लगा दी थी। इस मामले में अंतिम सुनवाई कल हुई। भाजपा नेताओं की तरफ से अधिवक्ता विवेक शर्मा और अभिषेक गुप्ता ने पैरवी की। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने भाजपा नेताओं का पक्ष रखा था। न्यायालय ने इस मामले को लेकर टिप्पणी की कि इस तरह के ट्वीट से कोई सौहार्द्र नहीं बिगड़ता।