रायपुर। राजधानी रायपुर में सोमवार के पूरे दिन और रातभर बारिश होती रही। इस वजह से कई जगहों पर जल जमाव हो गया। बोरियाखुर्द, गोकुलनगर, तेलीबांधा और पुरानी बस्ती के कुछ हिस्सों में पानी भर जाने, पेड़ गिरने जैसी समस्याओं से लोगों को दो चार होना पड़ा। लोग पार्षदों को फोनकर नाराजगी जाहिर करते रहे।
तेलीबांधा आनंद विहार और आनंद नगर में तो जरा सी बारिश कॉलोनी वालों के लिए आफतों का पहाड़ बन गई। किसी की गाड़ी डूब गई तो किसी का बेडरूम। लोगों के किचन, डायनिंग एरिया में नाली का पानी भर गया। घर में बदबूदार पानी में सोफा, फर्नीचर सब डूबा रहा। वजह थी आस-पास के कुछ प्रॉपर्टी डीलर्स की मनमानी। स्थानीय लोगों ने बताया कि कॉलोनी के पास से गुजरने वाले पुराने नाले को पाटकर जमीन का सौदा कर दिया गया।
वार्ड के पार्षद कामरान अंसारी ने बताया कि जब लोगों के घरों में पानी भरा तो हमने निगम आयुक्त को इसकी जानकारी दी। वो भी मौके पर आए और इस संबंध में कार्रवाई की बात कही। हमने कुछ जगहों से JCB से नाला खुदवाकर पानी बाहर निकालने का प्रयास किया मगर बारिश की वजह से JCB भी दलदली मिट्टी में फंस रही थी। एक दो दिन और बारिश हुई तो परेशानी बढ़ेगी। कुछ प्रॉपर्टी डीलर्स के खिलाफ शिकायत की है।
मौलीपारा इलाके में भी दर्जनों मकान में पानी भर जाने से परेशानी हुई। घर की महिलाएं, बच्चे बुजुर्ग सभी बाल्टियों से पानी बाहर फेंकते दिखे। पानी घर के भीतर घुसने की वजह से लोगों का काफी नुकसान भी हुआ है।
लगातार बारिश के बीच पंडित रविशंकर शुक्ल वार्ड गौरा गौरी चौक में बरगद का पुराना पेड़ टूटकर गिर गया। पार्षद और एमआईसी सदस्य आकाश तिवारी ने निगम की टीम और सीएसईबी के अधिकारियों के साथ मिलकर पहल करते हुए पेड़ को हटवाया। यहां पेड़ गिरने की वजह से बिजली भी काफी देर तक उपलब्ध नहीं हो सकी।
क्यों हो रहा जल भराव
एक्सप्रेस वे बनने के बाद से जलभराव का संकट गहराने लगा। इस दिक्कत को दूर करने के लिए एक्सप्रेस-वे से आनंद नगर की ओर अंडरग्राउंड सीवरेज बनाने का काम शुरू किया गया। चार महीने में सीवरेज बनकर तैयार होना था। बारिश से पहले काम पूरा हो जाता, लेकिन ठेकेदारों की लेटलतीफी की वजह से सीवरेज अब तक अधूरा है।