रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले को लेकर पत्रकार वार्ता की। इस दौरान उन्होंने पत्रकार साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में 2019 से 2023 के बीच 2161 करोड़ रुपए का शराब घोटाला भूपेश सरकार ने किया है। इस मामले की जांच करते हुए ED ने 1300 पेज के दस्तावेज न्यायालय में प्रस्तुत किए है।दरसल छातीसगढ़ में वर्तमान में शराब बेचने वालों के 800 आउटलेट हैं और प्रदेश में छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के द्वारा पूरे शराब की मैनेजमेंट और मॉनिटरिंग यह लोग करते थे और वहां कुछ पदाधिकारी, कुछ आईएएस ऑफिसर और अनवर ढेबर व उनका ग्रुप था इन सब ने पूरे 800 आउटलेट के सब जगह अपने लोगों को पोस्ट कर दिया।और इस पूरे भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए नकली होलोग्राम का उपयोग कर 30 प्रतिशत अवैध शराब बेचने लगे। इस अवैध शराब की बिक्री से जो अवैध उगाही होती थी उसमें से अनवर ढेबर अपने लिए 15% रखते थे और बाकी ऊपर बड़े सत्ताधारियों को देते थेइस मामले में बड़ी संख्या में इन लोगों की संपत्ति जप्त होने भी शुरू हो गए हैं जिसमें अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और अनिल टुटेजा की 121 करोड़ से अधिक की संपत्ति जप्त की गई है। यह भी पता चला कि अनवर ढेबर के नाम से 53 एकड़ जमीन नया रायपुर में, भिलाई में और मुंबई में है।
ये संपति इस शराब घोटाले से इकट्ठा की गई।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा दिए गए बयानों पर भी पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब छत्तीसगढ़ आए तो उन्होंने झुनझुना भी नहीं दिया तो मैं उनसे कहना चाहता हूं कि उसी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ तब उसी मंच पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद थे जब प्रधानमंत्री जी ने 7600 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण शिलान्यास एवं शुभारंभ किया। और झुनझुना तो कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पर अविश्वास जताते हुए टीएस सिंहदेव को दिया है 4 महीनों के लिए।साथ ही धान खरीदी को लेकर दिए गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर उन्होंने कहा कि शायद मुख्यमंत्री को ज्ञात नहीं है कि केंद्र सरकार प्रदेश से चावल खरीदती है धान नहीं। और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल धान के आंकड़े बताकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं।
दरअसल धान का 67 फीसदी चावल बनता है बाकी भूसा निकलता है। जबकि प्रदेश का लगभग पूरा चावल केंद्र सरकार खरीदती है जिससे किसान साथियों को पैसे मिलते हैं।इसके अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पूर्व सीएम की संपत्ति को लेकर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि शायद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भूल जाते हैं कि पहले ही कांग्रेस जब मेरी संपत्ति के मामले में उच्च न्यायालय गई तो न्यायालय ने कड़े शब्दों के साथ इसे तथ्यहीन, निराधार और राजनीति से प्रेरित मुद्दा बताकर खारिज कर दिया है। और इसके बावजूद मुख्यमंत्री लगातार यही राग आलापते रहते हैं, वे सत्ता में हैं फिर भी आज तक एक भी आरोप सिद्ध नहीं कर पाए क्योंकि उनके सभी आरोप झूठे हैं।