रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायपुर के साइंस कालेज मैदान में शुक्रवार को जनता को संबोधित किया।
उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण और बहुत बड़ा है। आज छत्तीसगढ़ को 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उपहार मिल रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, ये उपहार इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए है, कनेक्टिविटी के लिए है। ये उपहार छत्तीसगढ़ के लोगों का जीवन आसान बनाने के लिए है, यहां की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए है।
मोदी ने कहा, भारत सरकार के इन प्रोजेक्ट्स से यहां रोजगार के अनेकों नए अवसर भी बनेंगे। यहां के धान किसानों, खनिज संपदा से जुड़े उद्यमियों और टूरिज्म को भी इन प्रोजेक्ट्स से बहुत लाभ मिलेगा।सबसे बड़ी बात यह है कि इनसे आदिवासी क्षेत्रों में सुविधा और विकास की नई यात्रा शुरू होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, भारत में हम सभी का दशकों पुराना अनुभव यही है कि जहां इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर रहा, वहां विकास भी उतनी ही देरी से पहुंचा। इसलिए आज भारत उन क्षेत्रों में अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रहा है, जो विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं।
सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, इंफ्रास्ट्रक्चर यानी लोगों के जीवन में आसानी, इंफ्रास्ट्रक्चर यानी व्यापार कारोबार में आसानी, इंफ्रास्ट्रक्चर यानी रोजगार के लाखों नए अवसरों का निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर यानी तेज विकास।
प्रधानमंत्री ने कहा, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक और बहुत बड़ा लाभ है, जिस पर उतनी चर्चा नहीं होती। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का संबंध सामाजिक न्याय से भी है। जो सदियों तक अन्याय और असुविधा झेलते रहे उन तक भारत सरकार आज ये आधुनिक सुविधाएं पहुंचा रही है।
मोदी ने कहा, गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासियों की बस्तियों को आज ये सड़कें और रेल लाइनें जोड़ रही हैं। इन दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को, माताओं-बहनों को आज अस्पताल पहुंचने में सुविधा हो रही है।
उन्होंने कहा, 9 वर्ष पहले छत्तीसगढ़ के 20% से अधिक गांवों में किसी तरह की मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं थी, आज ये घटकर लगभग 6% रह गई है। इनमें से अधिकतर जनजातीय और नक्सल हिंसा से प्रभावित गांव हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, गांवों को भी अच्छी 4G कनेक्टिविटी मिले, इसके लिए भारत सरकार 700 से अधिक मोबाइल टॉवर लगवा रही है। इनमें से करीब 300 टॉवर का काम करना शुरू कर चुके हैं। आज छत्तीसगढ़ 2-2 इकोनॉमिक कॉरिडोर से जुड़ रहा है। रायपुर-धनबाद इकोनॉमिक कॉरिडोर और रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर इस क्षेत्र का भाग्य बदलने वाले हैं।