रायपुर। कलिंगा विश्वविद्यालय के कला एवं मानविकी संकाय के तत्वावधान में हिन्दी कथा सम्राट प्रेमचंद की जयंती पर “प्रेमचंद का रचना संसार” विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी विभाग के प्रमुख डॉ. अजय कुमार शुक्ल ने की एवं मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. विनीता दीवान की विशिष्ट उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती और कथा सम्राट प्रेम चंद की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित करने के साथ हुआ, जिसमें कला और मानविकी संकाय के डीन डॉ. शिल्पी भट्टाचार्य, मुख्य वक्ता डॉ. विनीता दीवान और कार्यक्रम समन्वयक मेरीटा जगदल्ला उपस्थित थीं।
प्रमुख वक्ता के रुप में उपस्थित डॉ. विनीता दीवान ने कहा कि न केवल हिन्दी भाषा और साहित्य के लिए बल्कि हमारे देश और समाज की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए भी प्रेमचंद की रचनाएं आज भी प्रेरणा का स्थायी स्त्रोत बनी हुयी है। भारतीय साहित्य में उनका नाम अमर है और उनके साहित्यिक योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हिंदी विभाग के प्रमुख डॉ. अजय कुमार शुक्ल ने प्रेमचंद के जीवन और उत्कृष्ट कार्यों पर प्रकाश डाला, जिन्होंने तीन सौ से अधिक कहानियों और शास्त्रीय उपन्यासों से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया। एक मुख्य कहानीकार के रूप में प्रसिद्ध, प्रेमचन्द राजशाही की काल्पनिक कहानियों से दूर चले गए और इसके बजाय उन्होंने अपने लेखन में वास्तविक जीवन की घटनाओं और प्रासंगिक परिस्थितियों के विविध चित्रण व्यक्त किए।
उक्त संगोष्ठी का कुशल संचालन अंग्रेजी विषय की सहायक प्राध्यापक मेरिटा जगदल्ला के द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया और कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ. ए. विजय आनंद द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में कला एवं मानविकी संकाय की अधिष्ठाता डॉ. शिल्पी भट्टाचार्य, श्री ए.के. कौल, डॉ. विनीता दीवान, डॉ. अनिता सामल, डॉ. श्रद्धा हिरकने, डॉ. पापरी मुखोपाध्याय ,डॉ.सुषमा दुबे, डॉ. वफी अहमद खान, डॉ. मनोज मैथ्यू, एल. ज्योति रेड्डी, अर्चना नागवंशी, आशीष सामल, जेसिका मिंज, गौरव ताम्रकार, श्री पीयूष दास, टेकराम साहू और संतोष के साथ-साथ विभाग के समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।