श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जूनवानी भिलाई में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग द्वारा आयोजित अंतर महाविद्यालय ने युवा उत्सव 2024 25 का आयोजन 22 नवंबर 2024 को किया गया। इस अवसर पर श्री दिग्विजय सिंह अस्सिटेंट रजिस्टार हेमचंद यादव विश्वविद्यालय निर्णायक श्रीमती जोली सेन पर्यावरण विभाग भिलाई इस्पात संयंत्र डॉ. सोम भारती भार्गव ड्रामा, संगीत एवं साहित्यकार डॉ अर्चना झा प्राचार्य श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जूनवानी भिलाई डॉ जे. दुर्गा प्रसाद राव अकादमिक डीन श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जूनवानी भिलाई उपस्थित रहे कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष क्षति प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर सरस्वती वंदना एवं राज्य गीत से किया गया। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय की परंपरा अनुसार पौधा सीड बॉल एवं श्रीफल से किया गया।
प्रथम सत्र में स्कीट का प्रस्तुतीकरण किया गया है जिसमें 15 महाविद्यालयों ने विभिन्न सामाजिक विषयों जैसे वोट का अधिकार, संगति का असर, ट्रांसजेंडर, सभ्य समाज का आधार मानवता, उतना ही ले थाली में व्यर्थ न जाए नाली में, सफलता कड़ी मेहनत से मिलती है, सुलभ शौचालय सामाजिक जिम्मेदारी, शिक्षा का अधिकार, स्त्री शिक्षा पारिवारिक सहयोग, विशिष्ट बालक (ऑटिज्म) और भी है राहे, बुढ़ी काकी, वर्तमान समय में नारी पर होने वाले अत्याचार, बालिका शिक्षा, सामाजिक कुरीतियों जैसे संवेदनशील विषयों पर मनमोहक प्रस्तुति दी।
निर्णायक डा सोम भारती ने स्कीट प्रस्तुति के नियम के साथ-साथ मंचन की बारीकियां, स्वरों के उतार-चढ़ाव, नाटक के टेक्निकल चीजों की जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि प्रेजेंटेशन के समय फ्रंट में रहकर पब्लिक से कनेक्ट करें। ड्रामा में हमेशा एक्सप्रेशन पर ध्यान दें। मंच का पूरा उपयोग करना चाहिए। जहां तक संभव हो बैठकर प्रस्तुतीकरण देने से बचना चाहिए। चेहरे के हाव-भाव के साथ-साथ स्वरों के उतार-चढ़ाव पर ध्यान दें। प्राप का उपयोग एवं कोई संदेश अवश्य होना चाहिए तभी कोई नाटक या ड्रामा सफल माना जाता है। उन्होंने अत्यंत प्रारंभिक जीवन से ड्रामा से जुड़ने और उनके मंचन से जुड़ने का अनुभव साझा किया। निर्णायक श्रीमती जॉली सेन ने कहा कि पब्लिक ही हमारे