नई दिल्ली : पूरी दुनिया में कोहराम मचाने वाली कोरोना महामारी अभी भी हमारा पीछा नहीं छोड़ रही है। बीते कुछ समय से दुनियाभर में भले ही इसके केसों में कुछ कमी देखने के लिए तो मिल रही है, लेकिन इसका खतरा अभी तक टला नहीं है।
बीच-बीच मे कई बार इस वायरस के विभिन्न वेरिएंट्स ने लोगों की चिंता और भी ज्यादा बढ़ा दी है। इसी दौरान अब एक बार फिर इसे लेकर लोगों की चिंता और भी ज्यादा बढ़ा दी है। दरअसल, चीन जहां से इस महामारी की शुरुआत हुई थी, वहां अब कोरोना के एक नए सबवेरिएंट जेएन.1 (JN.1) के केस सामने आए है।
कोविड के इस नए सबवेरिएंट की पहचान सबसे पहले लक्जमबर्ग में हुई थी, इसके उपरांत यूके, आइसलैंड, फ्रांस और अमेरिका में भी इसके केस सामने आने लग गए। इतना ही नहीं खुद इंडिया में भी कोरोना के इस सबवेरिएंट का एक केस देखने के लिए मिला है। बीते दिनों केरल में इस नए सबवेरिएंट जेएन.1 की पुष्टि भी कर दी गई थी। इस केस के सामने आते ही अब सभी की चिंताएं एक बार फिर से तेजी से बढ़ने लगी है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानते हैं कोरोना के इस नए सबवेरिएंट से जुड़ी वह सभी बातें, जो आपके लिए जानना बहुत ही ज्यादा आवश्यक है।
जेएन.1 क्या है ?: डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन सेंटर (CDC) के अनुसार कोविड का यह सबवेरिएंट, ओमिक्रॉन सबवेरिएंट BA.2.86 का वंशज है, जिसे ‘पिरोला’ भी कहा जाता है। वैज्ञानिकों की मानें, तो JN.1 और BA.2.86 के मध्य केवल एक ही बदलाव है और वह है स्पाइक प्रोटीन में परिवर्तन। स्पाइक प्रोटीन जिसे स्पाइक भी बोला जाता है। यह वायरस की सतह पर छोटे स्पाइक्स जैसा दिखाई देता है। इसी वजह से लोगों में वायरस का संक्रमण अधिक तेजी से होता है।
जेएन.1 के लक्षण क्या है?: खबरों का कहना है कि कोरोना के इस नए सबवेरिएंट के अभी तक कोई खास लक्षण दिखाई नहीं दे रहे है। ऐसे में यह पता लगा पाना मुश्किल है कि इसके लक्षण कोरोना के अन्य वेरिएंट से अलग है या नहीं। वहीं, बात करें कोरोना के आम लक्षणों की, तो इनमें निम्न शामिल हैं-
बुखार
लगातार खांसना
जल्दी थकान होना
नाक बंद या जाम हो जाना
नाक का बहना
दस्त
सिर में दर्द
कितना खतरनाक है नया वेरिएंट: फिलहाल, जेएन.1 को लेकर कोई विस्तृत जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। CDC की मानें तो इस वेरिएंट के बढ़ते केसों को देख यह कहा जा सकता है कि या तो यह अधिक संक्रामक है या फिर यह हमारे इम्यून सिस्टम से आसानी से बच सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि मौजूदा समय में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि JN.1 वर्तमान में मौजूद कोविड के अन्य वेरिएंट की तुलना में अधिक खतरनाक है या नहीं।