रायपुर। रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आगाज एक जून से होगा, जिसमें दण्डकारण्य में अरण्य कांड की गूंज सुनाई देगी। महोत्सव में देशभर के 12 राज्यों के साथ-साथ चार अलग-अलग देशों की मंडलियां शामिल होंगी। राष्ट्रीय रामायण प्रतियोगिता का केंद्र बिंदु अरण्य कांड होगा। यह इसलिए क्योंकि वनवास के समय प्रभु श्रीराम ने अपने ननिहाल यानि दण्डकारण्य (दक्षिण कोशल) में सबसे ज्यादा समय बिताया था। संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय रामायण महोत्सव की तैयारियां पूरी कर ली गई है।
श्रीराम का जीवन सामाजिक समरसता का प्रतीक : मुख्यमंत्री
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि श्री राम ने दंडकारण्य की धरती से पूरी दुनिया तक संपूर्ण समाज एक परिवार है का संदेश दिया। अरण्य कांड को केंद्र बिंदु इसलिए रखा गया, क्योंकि वनवास काल के दौरान प्रभु श्री राम ने अपना ज्यादातर समय वनों और दण्डकारण्य क्षेत्र में बिताया। उनका संपूर्ण जीवन सामाजिक समरसता के बीच गुजरा। यहां उन्होंने सदैव समाज के सबसे अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को गले लगाया। हमारे राम समावेशी राम हैं, जो हमारे रग-रग में रचे, हर धड़कन में बसे हैं, हर सुख-दुख में हमारे साथ होते हैं। राज्य सरकार ने अपनी घोषणा के मुताबिक राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन का निर्णय लिया साथ ही लोक आस्था का सम्मान करते हुए राम वन गमन पथ को पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है।
भक्ति और संगीत का संगम
महोत्सव में श्रीराम की भक्ति के साथ ही संगीत का संगम देखने और सुनने को मिलेगा। पहले दिन की शुरूआत हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ से होगी। इस मौके पर विदेशी एवं अंतरराज्यीय कलाकार मार्च पास्ट करेंगे। पहले दिन इंडियन आइडल की शण्मुख प्रिया व शरद शर्मा की प्रस्तुति व दूसरे दिन बाबा हंसराज रघुवंशी तथा लखबीर सिंह लक्खा भजन संध्या प्रस्तुत करेंगे। तीसरे दिन कुमार विश्वास की अपने-अपने राम म्यूजिक नाइट की प्रस्तुति होगी। साथ ही मैथिली ठाकुर भजन संध्या की प्रस्तुति करेंगी।