नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर आरोप पत्र के संबंध में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार, 2 मई को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य संबंधित नेताओं को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को अपना पक्ष रखने का अधिकार है, जिससे निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित हो सकेगी।








विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत में इस मामले की पिछली सुनवाई 25 अप्रैल को हुई थी, जहां ईडी को कुछ अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। अब अगली सुनवाई की तारीख 8 मई 2025 तय की गई है।
ईडी ने 15 अप्रैल को इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। 25 अप्रैल को हुई पहली सुनवाई में अदालत ने आरोपियों का पक्ष सुने बिना नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था और चार्जशीट में कुछ अन्य दस्तावेज शामिल करने के निर्देश दिए थे।
₹661 करोड़ की संपत्तियों की जब्ती की प्रक्रिया शुरू
यह मामला कांग्रेस समर्थित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और यंग इंडिया कंपनी से जुड़ी संपत्तियों से संबंधित है। 12 अप्रैल को ईडी ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में स्थित AJL की बिल्डिंगों पर ₹661 करोड़ की अचल संपत्तियों की जब्ती की प्रक्रिया शुरू की थी, जिन पर नोटिस भी चस्पा किए गए।
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा की गई शिकायत के अनुसार, यंग इंडिया और AJL की संपत्तियों का उपयोग ₹18 करोड़ के फर्जी दान, ₹38 करोड़ के फर्जी एडवांस किराया और ₹29 करोड़ के फर्जी विज्ञापनों के जरिए आय अर्जित करने में किया गया है। स्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि 2010 में यंग इंडिया ने AJL की ₹5,000 करोड़ से अधिक की संपत्तियों का अधिग्रहण कर लिया था। AJL के 75% शेयर गांधी परिवार के पास बताए जाते हैं।