रायपुर कांग्रेस प्रवेश करने के बाद आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है।
पं दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में आयोजित आभार सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे साय ने कहा कि लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए जनप्रतिनिधि बनना जरूरी है। उनकी भी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा है। जब उनसे सवाल किया गया कि वह कहां से चुनाव लड़ेंगे तो साय ने कहा कि वह अपने क्षेत्र से ही चुनाव लड़ेंगे। कुनकुरी और पत्थलगांव आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीट है। जहां से तय हो जाएगा, वहां से चुनाव लड़ लेंगे।
बता दें कि नंदकुमार साय वर्ष 1998 में जशपुर से विधायक थे। उसके बाद वे तीन बार लोकसभा सदस्य चुने गए। नंदकुमार साय ने सोमवार को कांग्रेस प्रवेश किया। इसके बाद से वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ आभार सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से भी साय की मुलाकात हो रही है।
साय ने मीडिया से चर्चा में कहा कि सरकार गोठान को मजबूत करने का काम कर रही है। स्वसहायता समूह को आर्थिक सहायता दी जा रही है। यह काम लंबे समय तक चलेगा, तो प्रदेश में बदलाव साफ नजर आएगा। साय से जब यह सवाल किया गया कि वह लंबे समय तक राजनीति में कांग्रेस के खिलाफ थे, अब यह कैसा महसूस कर रहे हैं। इसके जवाब में साय ने कहा कि यह निर्णय कठिन तो था, लेकिन यहां अच्छे लोग हैं। लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए जनप्रतिनिधि बनना जरूरी है।
नंदकुमार साय ने जिन दो सीट कुनकुरी और पत्थलगांव से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की है, वहां वर्तमान में कांग्रेस विधायक हैं। कुनकुरी से यूडी मिंज और पत्थलगांव से रामपुकार सिंह विधायक हैं। यूडी मिंज ने भाजपा के भरत साय को 4293 वोट से हराया, जबकि रामपुकार सिंह ने भाजपा के शिवशंकर पैकरा को 36686 वोट से वर्ष 2018 के चुनाव में हराया था। रामपुकार वर्ष 1993 से 2008 तक लगातार चार बार विधायक चुने गए।उन्होंने लगातार तीन चुनाव में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को हराया था। 2013 के चुनाव में रविशंकर पैकरा से चुनाव हार गए थे।