हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पर्व मनाया जाता है। नहाय खाय के साथ इस पर्व की शुरूआत हो चुकी है। ये पर्व चार दिन तक चलता है। इस बार छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर यानी आज से हो रही है। चार दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार के बारे में जाने सब कुछ…
पहला दिन- नहाय खाय
छठ पूजा पर्व की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है। इस दिन सूर्योदय 06.45 बजे होगा। वहीं, सूर्यास्त शाम 05.27 बजे होगा। नहाय-खाय में व्रती सहित परिवार के सभी सदस्य चावल के साथ कद्दू की सब्जी, चने की दाल, मूली आदि ग्रहण करते हैं।
दूसरा दिन- खरना
18 नवंबर को खरना है। इस दिन का सूर्योदय सुबह 06.46 बजे और सूर्यास्त शाम 05.26 बजे होगा। इस दिन गुड़ और खीर का प्रसाद बनाकर ग्रहण करते हैं। इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद व्रती 36 घंटे निर्जला उपवास पर चली जाती हैं। इस प्रसाद को बनाने में मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है।
तीसरा दिन- अर्घ्य
19 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है, जिसे संध्या अर्घ्य भी कहते हैं। 19 नवंबर को सूर्यास्त शाम 05.26 बजे होगा। छठ पूजा का तीसरा दिन बहुत खास होता है। इस दिन टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है। इसके बाद नदी या तालाब में कमर तक पानी में रहकर अर्घ्य दिया जाता है।
चौथा दिन- अर्घ्य
चौथे दिन यानी 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा। ये अर्घ्य लगभग 36 घंटे बाद दिया जाएगा। इस दिन सूर्योदय सुबह 06.47 बजे होगा।