रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने युवाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए बड़ी सौगात दी है। राजधानी रायपुर के नालंदा परिसर और तक्षशिला अध्ययन केंद्र की तर्ज पर अब प्रदेश के हर जिले में अत्याधुनिक ‘नालंदा परिसर’ खोलने की तैयारी तेज कर दी गई है।वित्त विभाग से मिली अनुमति के बाद, राज्य के 12 शहरों में इन आधुनिक लाइब्रेरी सेंटरों के निर्माण को हरी झंडी मिल चुकी है। रायगढ़ में इसका निर्माण कार्य सबसे तेजी से चल रहा है, और संभावना है कि जुलाई 2025 तक इसका लोकार्पण कर दिया जाएगा।








हर जिले में बनेगा ज्ञान का केंद्र
राज्य शासन की योजना है कि हर जिले में नालंदा परिसर खोले जाएं, ताकि युवा प्रतियोगी परीक्षाओं, शैक्षणिक परीक्षाओं और अन्य अध्ययन की तैयारी के लिए बेहतर वातावरण और संसाधन पा सकें। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा कुल 32 स्थानों पर नालंदा परिसर खोलने का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिनमें से 12 को वित्त विभाग की अनुमति मिल चुकी है। शेष 17 प्रस्तावों के लिए वित्त विभाग में फाइल भेजी गई है, और अनुमति मिलते ही उनके लिए भी टेंडर जारी किए जाएंगे।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी लाइब्रेरी
रायपुर के नालंदा परिसर और तक्षशिला की तरह ही, इन लाइब्रेरी में भी वातानुकूलित कक्ष, ऑनलाइन स्टडी सुविधा, वाई-फाई, और रेफरेंस बुक्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। यहां पढ़ने वाले छात्रों को एक शांत, सुरक्षित और प्रेरणादायक माहौल मिलेगा।
इन लाइब्रेरी में प्रवेश के लिए मासिक शुल्क ₹500 निर्धारित किया गया है। साथ ही, कॉशन मनी के रूप में ₹2000 जमा कराना होगा, जिसे बाद में वापस किया जाएगा।
किन-किन शहरों में खुलेंगे नालंदा परिसर?
नालंदा परिसर रायपुर में पहले से ही कार्यरत है, लेकिन अब इसे रायपुर में दो और स्थानों पर भी खोला जाएगा। इसके अलावा, भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव, कुनकुरी, बिलासपुर, मुंगेली, सक्ती, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, महासमुंद सहित कई अन्य शहरों में भी नालंदा परिसर की स्थापना की जाएगी।
शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी पहल
छत्तीसगढ़ सरकार की यह योजना प्रदेश के युवाओं के लिए शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम मानी जा रही है। यह न केवल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण अध्ययन का वातावरण प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें समान अवसर भी उपलब्ध कराएगा, जिससे वे राज्य और देश में सफलता के नए आयाम छू सकें।
राज्य सरकार की इस पहल से छत्तीसगढ़ के शिक्षा ढांचे को मजबूती मिलेगी, और प्रदेश की युवा पीढ़ी को एक सशक्त और उज्ज्वल भविष्य की दिशा में अग्रसर किया जा सकेगा।