रायगढ़ । सांसद गोमती साय ने राहुल गांधी को पिछड़ी जाति के अपमान हेतु दो वर्षो को सजा सुनाए जाने के मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गांधी परिवार स्वयं को न्यायपालिका से भी ऊपर मानता है।
गांधी परिवार को देश की किसी जांच एजेंसी पर भरोसा नहीं है। नेशनल हेराल्ड घोटाले में जमानत में बाहर चल रही सोनिया गांधी एवं उनके बेटे राहुल गांधी यूपीए की सत्ता के दौरान सीबीआई को पिंजरे में तोता की तरह कैद रखे हुए थे, पिंजरे में कैद इसी सीबीआई के तोते को आज मोदी जी ने बाज बना दिया।
राजनीति से जुड़े रसूखदारों को जेल के पीछे पहुंचाकर सीबीआई ने यह प्रमाणित कर दिया कि उनकी कार्यवाही निष्पक्ष है।
न्यायपालिका ने इससे पहले दो दर्जन से अधिक मामलों में अर्नगल बयान बाजी व दुरुपयोग के मामले में सांसदों को अयोग्य ठहराया है, लेकिन तब गांधी
परिवार को देश का लोकतंत्र खतरे में नजर नहीं आया। गांधी परिवार पर संकट आते ही लोकतंत्र खतरे में नजर आने लगता है। राज्य के विधायकों की मोदी जी से मुलाकात पर कांग्रेस द्वारा सवाल उठाए जाने पर गोमती साय ने करारा जवाब देते हुए कहा क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज भी गांधी परिवार से बिना समय लिए मुलाकात कर सकते है?
गोमती साय ने स्मरण कराया एक राज्य के मुख्यमंत्री ने जब राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा तो मिलने की बजाय राहुल गांधी कुत्ते को बिस्किट खिलाना ज्यादा मुनासिब समझ रहे थे। दो दशक पहले गांधी परिवार से कोई राज्य का विधायक तो दूर मुख्यमंत्री भी नही मिल पाता था, लेकिन मोदी ने गांधी परिवार के अहंकार को तोड़ा है। राज्य के विधायकों को किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार मुलाकात का समय देकर नई परंपरा की शुरुवात की है। मोदी जी ने छत्तीसगढ़ की जनता का सम्मान किया है।