रायपुर। आज राजधानी में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल राइस समिट 2025 में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों और राज्य की कृषि को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का संकल्प दोहराया। कार्यक्रम में केंद्रीय खाद्य एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने विचार साझा किए।
धान का कटोरा, अब विश्व बाजार की ओर
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ की समृद्ध धान परंपरा और किसानों की मेहनत की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य में धान की जितनी प्रजातियां हैं, उतनी अन्य किसी राज्य में नहीं पाई जातीं। मुख्यमंत्री ने राज्य के चावल को वैश्विक बाजार में पहुंचाने और इसकी ब्रांडिंग और वैल्यू एडिशन पर जोर दिया। उन्होंने धान की फसल को किसानों के लिए कम मेहनत में अधिक लाभदायक बताया।
किसानों को मिल रहा सर्वाधिक मूल्य
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को देश में सबसे अधिक धान का मूल्य दे रही है। इसी वजह से खेती का रकबा और पंजीकृत किसानों की संख्या में वृद्धि हो रही है। पहले 24 लाख किसान पंजीकृत थे, जबकि अब यह संख्या 27 लाख से अधिक हो चुकी है।
धान निर्यात को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने निर्यातकों से अपील की कि वे छत्तीसगढ़ की अनोखी धान प्रजातियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ले जाएं। उनका मानना है कि इससे राज्य के किसानों को न केवल आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की पहचान भी वैश्विक स्तर पर बनेगी।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का संदेश
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने छत्तीसगढ़ को धान उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के किसानों के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के चावल को वैश्विक बाजार में पहचान दिलाने की दिशा में केंद्र और राज्य के प्रयासों को सराहा।