नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने निर्णायक कदम उठाते हुए सभी पाकिस्तानी नागरिकों को आज, 27 अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिसे लेकर भारत ने पाकिस्तान पर सीमा पार से आतंकवाद को समर्थन देने का गंभीर आरोप लगाया है।









विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी अल्पकालिक वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं। हालांकि चिकित्सा वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक का समय दिया गया है। केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार सभी राज्यों में जिला प्रशासन को पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उन्हें डिपोर्ट करने की प्रक्रिया तेज करने के आदेश दिए गए हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, “केंद्र सरकार के आदेश के तहत सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं, और अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।”
पहलगाम हमले के बाद भारत ने कई अन्य कड़े कदम भी उठाए हैं:
– अटारी-वाघा सीमा को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
– पाकिस्तानी दूतावास के स्टाफ की संख्या में कटौती की गई है।
– 1960 की सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया गया है।
सोशल मीडिया पर इस फैसले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कई लोगों ने सरकार के सख्त कदम का समर्थन किया है, तो कुछ ने चिकित्सा वीजा पर आए पाकिस्तानी मरीजों के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की अपील की है।
यह कार्रवाई भारत की आतंकवाद के प्रति “जीरो टॉलरेंस” नीति को दर्शाती है। सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि देश की एकता, शांति और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। देशवासियों से आह्वान किया गया है कि वे शांति और एकजुटता बनाए रखें और आतंकवाद के खिलाफ इस संघर्ष में सरकार और सुरक्षा बलों का समर्थन करें।