किसके हाथों में होगी इस देश की बागडोर, कौन सी पार्टी रचेगी इतिहास? कल छत्तीसगढ़ के सात लोकसभा सीटों में गूंजेगी ईवीएम की बीप


रायपुर: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण का मतदान शांतिपूर्ण तरीके संपन्न होने के बाद अब तीसरे चरण के मतदान की तारीख आ गई हैं. जिस दिन और जिस तारीख का इंतजार छत्तीसगढ़ के 7 लोकसभा सीटों के मतदाताओं को था अब वो दिन और वो तारीख आ गई हैं. छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटों के लिए 3 चरण में वोटिंग होनी है। 2 चरणों में 4 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुके हैं। अब तीसरे चरण की 7 सीटों के लिए 7 मई को मतदान किया जाना है।


जिन सात सीटों में मतदान किया जाना हैं उनमें सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चंपा, कोरबा, बिलासपुर, दुर्ग, रायपुर लोकसभा सीट शामिल है। अब तक हुए दो चरणों में से पहले चरण में सिर्फ बस्तर सीट पर और दूसरे चरण में तीन सीटों राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है। बात दें कि लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के 94 सीटों के लिए मंगलवार को सुबह 7 से 6 बजे तक मतदान संपन्न होगा इसमें छत्तीसगढ़ के 7 सीटों के लिए भी मतदान होगा

कुल 168 उम्मीदवार मैदान में
तीसरे चरण के लिए सोमवार को नाम वापसी के बाद प्रत्याशियों की सूची अब स्पष्ट हो गई है। तीसरे चरण में रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा, जांजगीर-चांपा, कोरबा, रायगढ़ में 168 प्रत्याशी मैदान में हैं। अब 3 दिन बाद जिन 7 लोकसभा क्षेत्र में चुनाव होना है, उनको लेकर चुनाव आयोग की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। इन 7 लोकसभा सीटों के लिए कुल 15 हजार 701 मतदान केंद्र हैं। इसमें से ही 7 हजार 887 मतदान केंद्रों में वेब कास्टिंग कराई जाएगी। एक मतदान केंद्र में 2 सीसीटीवी लगाए जाएंगे। जिसमें पहला सीसीटीवी कैमरा मतदान केंद्र के अंदर और दूसरा सीसीटीवी कैमरा मतदान केंद्र के बाहर होगा।

सात सीटों पर किनके बीच है मुकाबला जानिए
इन सातों सीटों की बात की जाए तो मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है.क्योंकि दोनों ही पार्टियों ने भीषण गर्मी में भी आम जनता को रिचार्ज करने की पूरी कोशिश की. और लगातार जनसमपर्क करते हुए नज़र आये. और अब वे चुनाव के अंतिम चरण के मतदान तक पहुंच गए हैं. अब आम जनता इनकी तकदीर का फैसला करेगी।

रायपुर लोकसभा सीट: रायपुर लोकसभा सीट सबसे हाई प्रोफाइल सीट है. इस सीट पर बीजेपी के बृजमोहन अग्रवाल का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय से है. बृजमोहन अग्रवाल छत्तीसगढ़ बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं. जबकि विकास उपाध्याय कांग्रेस के युवा और तेज तर्रार नेताओं मे से एक हैं.

कोरबा लोकसभा सीट: कोरबा लोकसभा सीट पर बीजेपी की सरोज पांडे का मुकाबला कांग्रेस की ज्योत्सना महंत से है. कोरबा में भाजपा ने महिला नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पांडे को नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की पत्नी और कांग्रेस की मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत के खिलाफ मैदान में उतारा है. कोरबा में दोनों ही महिला प्रत्याशी मैदान में हैं. यहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर है.

दुर्ग लोकसभा सीट : दुर्ग लोकसभा सीट के दंगल की बात करें तो यहां बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने युवा नेता राजेंद्र साहू को मैदान में उतारा है. यहां ओबीसी वोट बैंक सबसे ज्यादा निर्णायक स्थिति में है.

बिलासपुर लोकसभा सीट: बिलासपुर लोकसभा सीट की बात करें तो बिलासपुर के दंगल में बीजेपी ने तोखन साहू पर भरोसा जताया. तोखन साहू के खिलाफ काग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक देवेंद्र यादव को मैदान में उतारा है. देवेंद्र यादव भिलाई से कांग्रेस के विधायक हैं.

रायगढ़ लोकसभा सीट: रायगढ़ के रण की बात करे तो यहां बीजेपी के राधेश्याम राठिया चुनावी ताल ठोक रहे हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस की तरफ से डॉक्टर मेनका देवी सिंह मैदान में है. मेनका देवी सिंह शाही परिवार से आती हैं.

जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा लोकसभा सीट एससी आरक्षित सीट है. यहां से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री शिव डहरिया को मैदान में उतारा है. जबकि भाजपा की तरफ से महिला नेता कमलेश जांगड़े चुनावी जंग में हैं.

सरगुजा लोकसभा सीट: सरगुजा लोकसभा सीट पर बीजेपी के चिंतामणि महाराज और कांग्रेस की शशि सिंह के बीच टक्कर है. चिंतामणि महाराज 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था. जबकि शशि सिंह को राहुल गांधी कैंप का लीडर माना जाता है.

बीते लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर डाले तो बीते तीन लोकसभा चुनाव की बात करें तो छत्तीसगढ़ में साल 2004, 2009 और 2014 में बीजेपी ने 11 में से 10 सीटें जीती थी. जबकि साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 11 सीटों में से 9 सीटें जीती थी. कांग्रेस को दो सीटों कोरबा और बस्तर पर जीत मिली थी.

बहरहाल छत्तीसगढ़ में तीसरे और आखिरी चरण के प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक दी हैं. तपती धूप में तपस्या कर सभी पार्टियों के नेताओं ने चुनाव जीतने कठोर कोशिश हैं. अब देखने वाली होगी की छत्तीसगढ़ में फिर एक बार कमल खिलेगा या हाथ हालात बदलेगा?


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