New Year 2024: हर साल 1 जनवरी को ही नया साल क्यों मनाया जाता है, किसी दूसरे महीने की शुरूआत में क्यों नहीं मना लेते हैं। हर साल की तरह 2023 भी खत्म होने में कुछ ही घंटे बाकी है और 2024 की शुरूआत हम सब 1 जनवरी से ही करेंगे।

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वैसे तो दुनिया भर में अनेक धार्मिक मान्यताओं वाले लोग रहते हैं, और वह सभी अपने कैलेंडर के मुताबिक नया साल मनाते है। साथ ही आज के समय में ज्यादातर लोग इंग्लिश कैलेंडर का इस्तेमाल करते हैं और अंग्रेजी कैलेंडर में 1 जनवरी को ही नए साल के तौर पर मनाया जाता है। 1 जनवरी को नए साल मनाने की परंपरा काफी पुरानी है और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं,
आईए जानते है इसके पीछे की कुछ खास वजह
नया साल 1 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं
45 ईसा पूर्व रोमन साम्राज्य में कैलेंडर का चलन हुआ करता था। रोम के तत्कालीन राजा नूमा पोंपिलुस के समय रोमन कैलेंडर में 10 महीने होते थे, साल में 310 दिन और सप्ताह में 8 दिन। कुछ समय बाद नूमा ने कैलेंडर में बदलाव कर दिए और जनवरी को कैलेंडर का पहला महीना माना। 1 जनवरी को नया साल मनाने का चलन 1582 ईस्वी के ग्रेगेरियन कैलेंडर की शुरूआत के बाद हुआ।
ग्रेगोरियन कैलेंडर कैसे बना ?
जीसस क्राइस्ट के जन्म से 46 साल पहले रोमन के राजा जूलियस सीजर ने नई गणनाओं के आधार पर नए कैलेंडर का निर्माण किया। इसका नाम गसीजर ने ही 1 जनवरी से नए साल के शुरूआत की घोषणा की। धरती 365 दिन 6 घंटे सूर्य की परिक्रमा करती है। ऐसे जब जनवरी और फरवरी माह को जोड़ा गया तो सूर्य की गणना के साथ इसका तालमेल नहीं बैठा इसके बाद खगोलविदों ने इस पर गहन अध्ययन किया।
किसी भी कैलेंडर को सूर्य चक्र या चंद्र चक्र की गणना पर आधारित बनाया जाता है। चंद्र चक्र पर बनने वाले कैलेंडर में 354 दिन होते हैं। वहीं, सूर्य चक्र पर बनने वाले कैलेंडर में 365 दिन होते हैं। ग्रिगोरियन कैलेंडर सूर्य चक्र पर आधारित है। अधिकतर देशों में ग्रेगोरियन कैलेंडर का ही इस्तेमाल किया जाता है।
अलग अलग धर्माें के अनुसार
ईसाई धर्म के प्रसार के साथ ही 1 जनवरी को नया साल मनाने की परंपरा आम हो गई। वहीं, सिख धर्म के मान्यताओं के अनुसार बैसाखी वाले दिन को नए साल के रूप में मनाया जाता है, और उसी तरह से हिन्दू धर्म के अनुसार हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नव वर्ष से शुरूआत होती है।
हिन्दू धर्म के अनुसार– ब्रह्मा जी ने पृथ्वी की रचना चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के दिन की थी।
इस्लाम धर्म के अनुसार इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से नया साल मनाया जाता है, इसलिए इस दिन को नए साल के तौर पर मनाया जाता है।
ग्लोबल कैलेंडर को मान्यता
1 जनवरी को नया साल मनाने की परंपरा का एक कारण यह भी है कि धीरे-धीरे ज्यादातर देशों ने ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपना लिया है। इस कैलेंडर में भी यही तारीख साल की शुरूआत के तौर पर निर्धारित है। इस वजह से, अंतरराष्ट्रीय बाजार में ट्रेड और संचार को सुगम बनाने के लिए भी 1 जनवरी को नए साल का जश्न मनाने का तरीका माना जाता है।