कृष्णा पब्लिक स्कूल, नेहरू नगर, भिलाई में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रज्ञोत्सव जो कि विगत् 2013 से अनवरत वृहद रूप से प्रत्येक वर्ष अत्यंत सफल रूप से संचालित होता चला आ रहा है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष 2024 में भी भारतीय सांस्कृतिक व कलाओं को सजोते हुए ग्यारह दिवसीय प्रज्ञोत्सव का आयोजन शाला प्रांगण में वृहद रूप से किया जा रहा है। जिसमें नृत्य संगीत की विभिन्न विधाएँ ग्रुप सांग, क्लासिकल, सेमी क्लासिकल, फिल्मी गीत, बैंड, वाद्ययंत्र, भरतनाट्यम, कत्थक, ओडिसी, वेस्टर्न, फिल्मीगीतों पर नृत्य, कुचीपुड़ी, फोक डॉस, लोकनृत्य आदि शामिल है। इस आयोजन में लगभग 1000 प्रतिभागी अपनी प्रतिभा को निखारने हेतु इस मंच पर उपस्थित हो रहे है।
विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को नगद राशि पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाती है।
देश की सांस्कृतिक धरोहर जो कि अंग्रेजी हुकूमत में पूर्णतः लुप्त हो चुकी थी आजादी के उपरांत आजादी के दीवानों ने इन सभी भारतीय संस्कृति एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का पुनरुत्थान कर उसे सहेजा। इन्हीं लुप्त हुई संस्कृति को कृष्णा पब्लिक स्कूल, नेहरू नगर में प्रज्ञोत्सव के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर कलाकारों को अपनी कला के प्रदर्शन हेतु वृहद मंच प्रदान किया जा रहा है।
विगत कई वर्षों से ‘प्रज्ञोत्सव’ की चली आ रही परम्परा को मूर्त रूप प्रदान कर राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित दस दिवस तक अनवरत चलने वाले इस कार्यक्रम का शुभारंभ 16.08.2024 को समूह गान और समूह बैण्ड में विभिन्न राज्यों से लगभग सैकड़ों प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया।
इस अवसर पर कृष्णा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन श्री एम. एम. त्रिपाठी, श्रीमती कृष्णा त्रिपाठी, वाइस चेयरमैन श्री आनंद कुमार त्रिपाठी, सचिव श्री प्रमोद कुमार त्रिपाठी, डायरेक्टर श्री आलोक त्रिपाठी, प्राचार्या श्रीमती सविता त्रिपाठी तथा अन्य गणमान्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
आज ग्रुप सांग के अंतर्गत क्लासिकल, सेमीक्लासिकल भजन, देशभक्ति व फिल्मी गीतों की प्रस्तुति के लिए विभिन्न प्रांतों के प्रतिभागियों ने बढ़चढ़कर अपनी कला का प्रदर्शन किया।निर्णायक गणों में श्री सतीश ठाकुर (डी.एस.पी. ट्रैफिक पुलिस, दुर्ग) एवं श्री राजातन्नुवाय (डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल, दुर्ग) ने अपने सूक्ष्म अवलोकन एवं अनुभव द्वारा अपने निर्णय व उपस्थिति देकर कार्यक्रम की सफलता में चार चाँद लगा दिया।
मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि गीत एवं संगीत संपूर्ण मानव जाति को ईश्वर द्वारा दिया गया वरदान है। यह हृदय की आंतरिक गहराइयों से उपजने वाली धारा है, जो कठोर साधना व अभ्यास द्वारा निखरती और परवान चढ़ती है। यह हमारे मन को शांत कर हमारे जीवन को आनंद से भर देती है।
प्रज्ञोत्सव में आज विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियों द्वारा श्रोतागणों को भावविभोर कर दिया है। विभिन्न समूह गान की आकर्षक प्रस्तुति से सभी मंत्रमुग्ध हो उठे और समूचा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। क्लासिकल गीतों की प्रस्तुति सराहनीय रही। फिल्मी गीतों की धुन पर तो लोग झूमने और थिरकने लगे। समूह गान में विद्याथियों द्वारा एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी गयी। कुछ नए तो कुछ पुराने गाने प्रस्तुत किए गये। सारा दिन किसी उत्सव के समान प्रतीत हो रहा था।
शाला की प्राचार्या श्रीमती सविता त्रिपाठी ने प्रतिभागियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि किसी भी सभ्यता व संस्कृति की पहचान वहाँ की सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से ही होती है और वास्तव में सुर-ताल का मेल ही श्रेष्ठता को साबित करती है।
विद्यालय के चेयरमैन श्री एम. एम. त्रिपाठी कार्यक्रम में प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि यही प्रतिभागी भविष्य के चमकते सितारे होंगे जो अपनी कला के माध्यम से देश का नाम रोशन करेंगे।
नृत्य व कला के शिक्षकों की मेहनत इस कार्यक्रम के मंचन में रंग लाया है। श्रीमती ज्योति शर्मा, श्री प्रकाश उमरे, श्रीमती धनेश्वरी साहू, श्री भूपेन्द्र साहू, श्री सुनील, श्रीमती गर्विता दत्ता, श्री अजीत बैनर्जी एवं अन्य शिक्षकगण पूरे कार्यक्रम को आकर्षक व रोचक बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें हैं।
मंच संचालन में शाला की शिक्षिका श्रीमती सुनीता त्रिपाठी अपने मुख उद्गार द्वारा कार्यक्रम की शोभा लगातार बढ़ाती रही हैं।