रायपुर। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि का असर राजधानी रायपुर में गणेशोत्सव के लिए बन रहे पंडालों में दिखाई दे रहा है। इस साल गणेश उत्सव 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी से शुरू होगा। गणेश उत्सव को लेकर राजधानी में कई बड़ी गणेश उत्सव समितियां विशेष थीम आधारित में बड़े-बड़े पंडाल तैयार करवा रही हैं। कालीबाड़ी में इस बार चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के जैसा 120 फीट ऊंचा और 70 फीट चौड़ाई का पंडाल बनाया जा रहा है। आकर्षक झांकी बनाने में कोलकाता से कारीगर आए हुए हैं। वहीं कोलकाता के 30 कारीगर इस काम में दिन-रात जुटे हुए है।
जय भोले ग्रुप के परमवीर सिंह ने बताया कि कालीबाड़ी समिति चंद्रयान-3 थीम पर कोलकाता के कारीगरों से आकर्षक पंडाल तैयार करवा रही है। 120 फीट ऊंचे पंडाल का आकार आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा सेंटर से लाचिंग के लिए तैयार चंद्रयान-3 के जैसा दिखेगा। इसी पंडाल के भीतर विघ्न नाशक गणपति विराजेंगे।
समिति का दावा है कि छत्तीसगढ़ का यह सबसे बड़ा पंडाल चंद्रयान-3 के रूप में होगा। 120 फीट ऊंचा एवं 70 फीट चौड़ाई का यह पंडाल सबसे आकर्षक पंडाल रहेगा जिसकी चर्चा पूरे छत्तीसगढ़ में रहेगा। रेणुका राणा कृष्ण मूर्ति कला केंद्र के द्वारा भगवान श्री गणपति जी की मूर्ति पिछले तीन महीने से बनाई गई जा रही है। मूर्ति की ऊंचाई 17 फीट और चौड़ाई 26 फीट है, इसमे नौ ग्रह का रूप दिया हुआ है। इसमे एलियंस चांद में खड़े होकर तिरंगा लहरा रहे हैं।छत्तीसगढ़ में पहली बार इस रूप में गणेश जी की मूर्ति बनी है और भोले बाबा की जटा में पूरी सृष्टि दिखायी गई है।यह अपने आप में एक आकर्षक झांकी होगा।