बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। जिसके तहत कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ ही थानेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। मिली जानकारी के अनुसार तालाब निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज नही किया था। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने कोर्ट में परिवाद लगाया गया था। पूरे मामले में कोर्ट के आदेश के बाद कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर सहित थानेदार के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश दिया गया। जिस पर पुलिस ने धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
जनिए क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक पूरा मामला शंकरगढ़ थाना क्षेत्र का है। बताया जा रहा है कि पूरा मामला साल 2008 का है जो कि कृषि विभाग से जुड़ा है। आरटीआई एक्टिविस्ट संदीप एक्का ने साल 2018 में कृषि विभाग द्वारा कराये गये तालाब निर्माण में करीब 10 लाख रूपये का भ्रष्टाचार करने का गंभीर आरोप लगाया गया था। इस पूरे मामले की शिकायत संदीप ने थाने में की थी। लेकिन पुलिस ने भ्रष्टाचार की शिकायत पर एफआईआर दर्ज नही किया था। जिसके बाद संदीप ने न्यायालय में आरटीआई से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर परिवाद लगाया गया था। उक्त परिवाद पर सुनवाई करते हुए 12 अक्टूबर 2022 को ही कोर्ट ने अपराध दर्ज करने का आदेश दिया था।
जवाबदार अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई करने का दिया आदेश
आदेश में कोर्ट ने कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आर.एच.सिंह, कृषि विकास अधिकारी बी.पी.पिल्लै, आर.के.सोनवानी सहित एफआईआर दर्ज नही करने वाले तत्कालीन थाना प्रभारी पर अपराध दर्ज करने का आदेश दिया गया था। कोर्ट के इस आदेश के करीब 17 महीने बाद भी पुलिस ने एफआईआर करना जरूरी नही समझा। बताया जा रहा है कि जब इस मामले की जानकारी एसपी लाल उमेंद सिंह के संज्ञान में आयी, तब उन्होने जवाबदार अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। एसपी के दिशा निर्देश के बाद अब शंकरगढ़ थाने में इस प्रकरण पर पुलिस ने धारा 420,467 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।