मुंबई/हैदराबाद। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में मुंबई और हैदराबाद में 13 ठिकानों पर छापेमारी कर 9.04 करोड़ रुपये नकद, 23.25 करोड़ रुपये के आभूषण और सोने-चांदी, सहित कुल 32 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब संपत्ति जब्त की है।
यह कार्रवाई वसई-विरार क्षेत्र में 60 एकड़ सार्वजनिक भूमि पर अवैध रूप से 41 मिश्रित उपयोग वाली इमारतों के निर्माण से जुड़े एक संगठित सिंडिकेट के खिलाफ की गई। जांच एजेंसी के अनुसार, इस मामले में जाली नगरपालिका मंज़ूरी, शेल कंपनियों और नकली दस्तावेज़ों के जरिये अवैध संपत्ति बनाई गई थी।

ईडी ने बताया कि इन इमारतों का निर्माण धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। जांच में ऐसे दस्तावेज़ भी सामने आए हैं जो बताते हैं कि सार्वजनिक भूमि का बड़े स्तर पर व्यावसायिक दोहन किया गया।
अब तक की कार्रवाई में:
•13 स्थानों पर एक साथ छापेमारी
•भारी मात्रा में नकदी और कीमती धातु की बरामदगी
•कई दस्तावेज़, डिजिटल उपकरण और संदिग्ध खातों की जांच शुरू
ईडी ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों और बिल्डरों की मिलीभगत की भी जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही कुछ गिरफ्तारी भी संभव हैं।
यह मामला मुंबई क्षेत्र में सरकारी जमीन के निजी दोहन और शहरी विकास में भ्रष्टाचार की जड़ों को उजागर करता है। ED की यह कार्रवाई शहरी भूमि घोटालों पर कड़ा संदेश मानी जा रही है।
