नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किशन चंद (आईएफओएस) नामक व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों की उत्तराखंड के हरिद्वार तथा रुड़की में 31.88 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क की है।
ईडी ने कहा कि संपत्तियां धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कुर्क की गई। जांच के दौरान यह पाया गया कि वे किशन चंद और उनके परिवार के सदस्यों की थी।
ईडी का मामला किशन चंद (तत्कालीन डीएफओ) और अन्य के मामले में आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले के संबंध में सतर्कता (देहरादून) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है।
ईडी ने कहा कि जांच से पता चला है कि कुर्क की गई संपत्तियां अपराध की कमाई थी क्योंकि तीसरे व्यक्ति के नाम पर भारी मात्रा में नकदी और चेक विभिन्न खातों में जमा किए गए थे। जिनका इस्तेमाल बाद में संपत्तियों को खरीदने के लिए किया गया था ताकि इन अचल संपत्तियों को बेदाग के रूप में पेश किया जा सके।
1 जनवरी 2010 से 31 दिसंबर 2017 तक किशन चंद ने चल और अचल संपत्ति हासिल करने या खरीदने के लिए 41.9 करोड़ रुपये खर्च किए। ईडी ने कहा कि हालांकि, इस दौरान किशन चंद की आय 9.8 करोड़ रुपये रही।
इस प्रकार, चंद के पास 32.1 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति (डीए) थी, जो अपराध की आय थी।
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