diwali 2023: जानिए धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज की पूजा करने की शुभ मुहूर्त ,पढ़े पूरी खबर


Diwali 2023: पुरे भारत देश में दिवाली बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। दिवाली 5 दिनों का होता है। दिवाली को लेकर लोगो में काफी उत्साह रहता है। लोग तरह तरह के पकवान बनाते है ,मिठाई बनाते है,परिवार के लोग एक साथ मिलजुल कर दिवाली की पूजा करते है। दिवाली की पूजा को लेकर लोगो में बड़ी संशय रहती है की कितने टाइम पूजा करनी चाहिए तो चलिए आपको बताते है इन 5 दिनों की त्योहारों के बारें में की किस दिन कब करनी है पूजा।


Diwali 2023: धनतेरस
धनतेरस इस बार 10 नवंबर को मनाई जाएगी। त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर होगा और अगले दिन 11 नवंबर को दोपहर में 1 बजकर 57 मिनट पर समाप्‍त होगी। धनतेरस का त्‍योहार प्रदोष काल में मनाया जाता है, इसलिए यह शु्क्रवार को 10 नवंबर को होगा।

Diwali 2023: नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली

दीपावली से एक दिन पहले और धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली मनाई जाती है। यह कार्तिक कृष्‍ण चतुर्दशी होती है और इसे रूप चौदस, नरक चौदस और काली चौदस भी कहते हैं। चतुर्दशी तिथि का आरंभ 11 नवंबर को दोपहर में 1 बजकर 57 मिनट से होगा और समापन अगले दिन 12 नवंबर को दोपहर में 2 बजकर 44 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि के अनुसार नरक चतुर्दशी 12 नवंबर को ही मनाएंगे। इसी दिन दीपावली भी मनाई जाएगी। जो लोग इस दिन काली पूजा करते हैं और यमदीप जलाते हैं वे 11 नवंबर को नरक चतुर्दशी मना सकते हैं।

Diwali 2023: दीपावाली

दीपावली कार्तिक अमावस्‍या को होती है और इस दिन भगवान राम लंका को जीतकर अयोध्‍या लौटे थे और उनका स्वागत नगरवासियों ने घी के दीपक जलाकर किया था। इस उपलक्ष्‍य में हर साल हम लोग चारों तरफ दीए जलाकर खुशियां मनाते हैं। इस दिन गणेश भगवान और मां लक्ष्‍मी की पूजा का विशेष महत्‍व होता है। गणेशजी हमें सभी अच्छे कार्यों में शुभ लाभ प्रदान करते हैं और मां लक्ष्‍मी हमें धनवान बनाती हैं। कार्तिक अमावस्‍या तिथि का आरंभ 12 नवंबर को 2 बजकर 44 मिनट पर होगा और समापन 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगा। दीपावली की पूजा भी धनतेरस की तरह प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है। इसलिए दीपावली 12 नवंबर को मनाई जाएगी।

Diwali 2023: गोवर्द्धन पूजा
दीपावली के अगले दिन 13 नवंबर को कार्तिक शु्क्‍ल प्रतिपदा के दिन गोवर्द्धन पूजा की जाती है। इंद्र भगवान ने क्रोध में आकर जब भीषण वर्षा करवाई थी तो भगवान कृष्‍ण ने सभी गोकुल वासियों की रक्षा करने के लिए गोवर्द्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था पर्वत के नीचे खड़े होने से सभी लोगों की जान बच पाई थी। इस उपलक्ष्‍य में हर साल कार्तिक शुक्‍ल प्रतिपदा को गोवर्द्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है।

Diwali 2023: भाई दूज

भाई दूज यानी के यम द्वितीया का पर्व बुधवार 15 नवंबर को मनाया जाएगा। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्‍ते को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करके और उनकी आरती करके लंबी उम्र की कामना करती हैं। मान्‍यता है कि इस दिन यमराज भी अपनी बहन यमुना से मिलने उनके घर आए थे।


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