संसद के मॉनसून सत्र में विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पर 8 से 9 अगस्त के बीच चर्चा होगा और बाद में 10 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर जवाब देंगे। बता दें विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था जिस पर पार्टियों का कहना है कि उन्हें पता है कि उनके पास बहुमत नहीं है कि वे मोदी सरकार को विश्वास प्रस्ताव में हरा सकें लेकिन, मणिपुर हिंसा पर पीएम नरेंद्र मोदी के जवाब के लिए यही आखिरी चारा है।
बता दें मानसून सत्र शुरू होने के समय से ही विपक्ष पार्टियां ये मांग कर रही है कि मणिपुर हिंसा पर सदन में चर्चा हो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आकर जवाब दें। इस पर सत्ता पक्ष का कहना है कि वह मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि, पीएम मोदी ने अभी तक संसद में कोई टिप्पणी नहीं की है और ना ही मणिपुर मुद्दे पर जवाब देने के लिए तैयार हैं। लेकिन, अब अविश्वास प्रस्ताव के चलते 10 अगस्त को उन्हें संसद में जवाब देना होगा।मालूम हो मणिपुर में बीते 3 महीने से मेइती और कुकी समुदाय के बीच हिंसा जारी है। हिंसक घटनाओं में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और अब भी हिंसक घटनाएं शांत नहीं हुई हैं। इसी मुद्दे पर विपक्ष की मांग है कि पीएम मोदी संसद में आएं और इस पर जवाब दें क्योंकि विपक्ष ये जानना चाहती है कि आखिरकार सरकार से कहां चूक हुई जो इतने व्यापक स्तर पर हिंसा की घटनाएं हुई है और इस पर सरकार ने अब तक क्या किया है।
क्या है No Confidence Motion
लोकसभा में अगर किसी विपक्ष दल को लगता है कि उसकी सरकार के पास बहुमत नहीं है या सरकार सदन में विश्वास खो चुकी है, तो वह अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) ला सकता है। संविधान के अनुच्छेद-75 के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति जवाबदेह है। अगर सदन में बहुमत नहीं है, तो पीएम समेत पूरे मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना होता है।