प्रदेश में टमाटर की अच्छी फसल होने के बावजूद बिक रहा महंगा, जाने क्या है इसके कारण?


रायपुर :प्रदेश में टमाटर की अच्छी फसल होने के बावजूद इसके दाम बढ़े हुए हैं। इसका कारण थोक मंडियों में टमाटर को सही भाव नहीं मिलना बताया जा रहा है, जबकि राज्य की सीमाओं से लगे पड़ोसी राज्य ओडिशा, आंध्रप्रदेश के अलावा तेलंगाना आदि राज्यों की सब्जी मंडियों में टमाटर के भाव प्रदेश की तुलना में ज्यादा हैं। इस कारण कई बड़े किसानों के अलावा टमाटर के थोक व्यापारी भी यहां से टमाटर खरीदकर दूसरे राज्यों में टमाटर खपाकर जमकर मुनाफा कमा रहे हैं।

: इधर राज्य के लोकल टमाटर दूसरे राज्यों में खयाए जाने से थोक मंडियों टमाटर की आवक कम हो गई है, जिसके कारण यहां टमाटर के भाव में गिरावट नहीं आ पा रही है। हालांकि रविवार को मंडी में आवक थोड़ी बढ़ी, जिसके कारण टमाटर के भाव में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। इससे टमाटर थोक में 25-28 रुपए तो चिल्हर में 35-40 रुपए प्रति किलो बिके।

दूसरे राज्यों से आवक कम

एक ओर जहां लोकल टमाटरों को दूसरे राज्यों में खपाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश आदि राज्यों से प्रदेश में टमाटर की आवक भी इन दिनों काफी कम है। थोक सब्जी विक्रेता टी. श्रीनिवास राव रेड्डी ने बताया कि दूसरे राज्यों से आवक बहुत कम है, वहीं लोकल टमाटर की आवक भी कम हो गई है। इस कारण टमाटर के भाव में गिरावट नहीं आ रही है।

बिचौलिए भी कमा रहे

टमाटर के भाव बढ़ने का एक कारण बिचौलिए भी हैं। कई किसान ट्रांसपोर्टिंग का भाड़ा और समय बचाने के लिए टमाटर बिचौलियों के जरिए बेचते हैं। बिचौलिए किसान से कम दाम पर टमाटर खरीदकर उसे ज्यादा भाव में बेच देते हैं। वहीं कई बिचौलिए 7-8 प्रतिशत कमीशन लेकर मंडी, चिल्हर व्यापारियों या थोक व्यापारियों के यहां सौदा करा देते हैं।


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