रायपुर। गुरुवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा लिए स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त दुरुस्त करने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। इसमें उन्होंने आपतकालीन एम्बुलेंस सेवा 108 व 102 का जिक्र कर 30 मिनट के रिस्पांस टाइम में घटना स्थल पर पहुँचने की बात की। मगर इस आदेश के पालन में कई अड़चनें हैं।
इस संदर्भ में जब टीआरपी ने पड़ताल की तो यह बात निकलकर आ रही है कि बढ़ते हादसों और आबादी के हिसाब से एम्बुलेंस की संख्या नाकाफ़ी है। वर्तमान में 108 संजीवनी एक्सप्रेस की कुल संख्या 300 है। जबकि गाड़ियों की संख्या बढ़ाये जाने की अत्यंत आवश्यकता है।
घायलों, मरीजों के लिए केवल 300 जबकि महतारी में 380 एम्बुलेंस
एक ओर जहां गर्भवती महिलाओं के लिए महतारी एक्सप्रेय के रूप में 380 एम्बुलेंस है। वहीं पूरे छत्तीसगढ़ में आपातकालीन के लिए महज 300 एम्बुलेंस मात्र बस है। यहां पर गौर करने वाली बात यह है कि 108 संजीवनी एक्सप्रेस आपतकालीन सेवा की 100 प्रतिशत केस को हैंडल करने के साथ ही अधिकांश मामलों में गर्भवती महिलाओं को भी सेवा दे रही है। खास यह है कि 380 नई एम्बुलेंस होने के बावजूद अब 102 के नोडल अधिकारी डॉ कमलेश जैन द्वारा गर्भवती महिलाओं को हॉस्पिटल से हायर सेंटर रिफर करने के लिए नया आदेश जारी कर दिया गया है। जबकि पूर्व में हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को यह सेवा 108 द्वारा दिया जा रहा था। जिसके चलते 108 एम्बुलेंस के रिस्पॉस टाइम में असर पड़ रहा है।
हायर सेंटर रिफर करने में हो रहा है अधिकांश एम्बुलेंस का इस्तेमाल
108 संजीवनी एक्सप्रेस का उपयोग घायलों और मरीजों को सेवा देने के साथ ही बड़ी संख्या में हॉस्पिटल आने वाले घायलों और मरीजों को हायर सेंटर रिफर करने में भी किया जा रहा है। एम्बुलेंस रिफर केस में बिजी होने के कारण दूसरी दूसरी लोकेशन से एम्बुलेंस मंगानी पड़ती है, जिसके चलते अधिक समय लगता है।
एम्बुलेंस बढ़ाने का अनुरोध कर चुके हैं संचालक
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 108 संजीवनी एक्सप्रेस का संचालन करने वाली संस्था बढ़ते केसेस को देखते हुए डेटा के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के समक्ष 10 से अधिक बार एम्बुलेंस बढ़ाने के लिए अनुरोध कर चुकी है। लेकिन गाड़ियां बढ़ाने के बजाए फ़ाइल केवल अधिकारियों के टेबल में ही घूमती रही। वहीं कई बार जिला एवं ब्लॉक स्तर पर भी सीएमएचओ द्वारा भी स्वास्थ्य विभाग को आपातकालीन सेवा की बढ़ती आवश्यकताओं को देखते हुए स्वयं भी एम्बुलेंस बढ़ाने के लिए पत्राचार किया जा चुका है, किन्तु विभाग द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।