सीएम बघेल आज गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 4 करोड़ 40 लाख रुपए का भुगतान करेंगे…


रायपुर। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण के लिए आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 4 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे, जिसमें 1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 1.30 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 2 करोड़ 59 लाख रूपए, गौठान समितियों को 1 करोड़ 6 लाख रूपए और महिला समूहों को 75 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं।


गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी में स्वावलंबी गौठान बराबर की भागीदारी निभाने लगे हैं। बीते कई महीनों से गोबर खरीदी के एवज में भुगतान की जा रही राशि में स्वावलंबी गौठानों की हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत तक की रहने लगी है। आज की स्थिति में 50 फीसद से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की राशि से गोबर एवं गौमूत्र की खरीदी के साथ-साथ गौठान के अन्य व्यवस्थाएं कर रहे हैं। 1अप्रैल से 15 अप्रैल तक गौठानों में कुल 1.30 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है। जिसके एवज में गोबर विक्रेताओं को अंतरित की जाने वाली 2.59 करोड़ रूपए की राशि में से 1.24 करोड़ की राशि कृषि विभाग द्वारा तथा 1.67 करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा किया जाएगा। स्वावलंबी गौठानों द्वारा गोबर खरीदी के एवज में अब तक 49.21 करोड़ रूपए का भुगतान स्वयं की राशि से किया गया है।

राज्य में हितग्राहियों को लगभग 435 करोड़ 33 लाख रूपए का भुगतान

गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को लगभग 435 करोड़ 33 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 20 अप्रैल को 4.40 करोड़ के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 439 करोड़ 73 लाख रूपए हो जाएगा। यह यहां उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। राज्य में 15 अप्रैल 2023 तक गौठानों में 112.34 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गोबर विक्रेताओं से 31 मार्च तक क्रय किए गए गोबर के एवज में 222 करोड़ 9 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 20 अप्रैल को गोबर विक्रेताओं को 2.59 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 224 करोड़ 68 लाख रूपए हो जाएगा। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 190 करोड़ 84 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।


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