रायपुर। छत्तीसगढ़ के नगर निगमों और पंचायतों में अब 10 लाख रुपये या उससे अधिक की लागत वाले कार्य ई-टेंडरिंग के माध्यम से किए जाएंगे। नगरीय प्रशासन विभाग ने इस संबंध में संशोधित आदेश जारी कर दिया है।









पहले 20 लाख रुपये तक थी सीमा
पहले, ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया 20 लाख रुपये या उससे अधिक के कार्यों के लिए अनिवार्य थी, जिसे अब घटाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। सरकार का यह कदम प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने, ठेका प्रणाली को अधिक सुचारु बनाने और भ्रष्टाचार की संभावनाओं को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
विकास कार्यों की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद
इस फैसले से नगरीय क्षेत्रों में विकास कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होगा और ठेका प्रक्रिया अधिक पारदर्शी व सुगम बनेगी। नए आदेश के अनुसार, अब 10 लाख रुपये से अधिक के सभी कार्यों के लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया अपनाना अनिवार्य होगा।