छत्तीसगढ़ : लागत मूल्य नहीं मिलने से हताश किसानों ने सड़क पर फेंक दिया टमाटर


अंबिकापुर। सरगुजा संभाग में टमाटर का बंपर उत्पादन हुआ है। जुलाई-अगस्त महीने में टमाटर भाव खा रहा था। 250 से 300 रुपये प्रति किलो बिक रहा टमाटर अब थोक बाजार में इतने कम दाम में मिल रहा है कि लागत मूल्य भी नहीं निकल रहा है। हताश किसान व्यथित है। निराश किसान टमाटर फेंक भी दे रहे हैं। इसकी शुरुआत बलरामपुर जिले के रामानुजगंज से हुई है।


यहां के थोक बाजार में मांग से अधिक टमाटर की आवक हो जाने से दाम तीन रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। यही कारण है कि किसानों ने टमाटर सड़क पर फेंक दिया।दो – तीन माह पूर्व जहां टमाटर का दाम 250 रुपये से 300 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था वहीं विगत कुछ दिनों से लगातार टमाटर के दाम में गिरावट आ रही थी। गुरुवार को स्थिति ऐसी हो गई की रामानुजगंज के थोक सब्जी बाजार में टमाटर तीन रुपये किलो बिकने लगा।

किसानों को लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा था तो किसान हताश एवं निराश होकर टमाटर को बीच बाजार में फेंक कर वापस चले गए। किसान मुकेश दास एवं सूरज धारकर ने बताया कि टमाटर की खेती में जितना लागत लगा है उसका 20 प्रतिशत मूल्य भी हमें नहीं मिल पा रहा है। गुरुवार सुबह से जितना टमाटर को तोड़ने में खर्च हुआ उससे कम भाव मिलने लगा तो मन बहुत ही हताश एवं निराश हुआ।

जिस कारण हम लोगों ने टमाटर को बीच रास्ते पर फेंक दिया। क्षेत्र के दर्जनों गांव के सैकड़ो किसानों के द्वारा टमाटर का उत्पादन किया गया है। परंतु लगातार टमाटर का मूल्य जहां दो अंको में आ गया था वहीं कुछ दिन पहले से एक अंक में आ गया है।

स्थिति ऐसी हो गई कि आज थोक सब्जी बाजार में चार रुपये किलो टमाटर बिक रहा था जिसमें एक रुपये किलो कमीशन में चला जाता है। इस प्रकार किसान को मात्र तीन रुपये किलो का ही मूल्य मिला ऐसे में किसानों की हताशा निराशा देखी सकती थी। कई किसान तो टमाटर को ऐसे ही छोड़कर चल दिए वहीं मुकेश दास एवं सूरज धार करके द्वारा बीच बाजार में टमाटर फेक दिया गया।

रामानुजगंज क्षेत्र में दो हजार हेक्टेयर में खेती

बलरामपुर जिले में इस वर्ष टमाटर का रकबा बढ़ गया है। जुलाई-अगस्त में दाम बढ़ने के कारण किसानों का रुझान अचानक टमाटर की खेती में बढ़ गया था। बलरामपुर जिले के ग्राम चंद्रनगर ,सारंगपुर ,पुरुषोत्तमपुर,मितगई, विजयनगर, भाला,चुमरा, महावीरगंज, गाजर सहित अन्य ग्राम पंचायत में करीब दो हजार एकड़ में टमाटर का उत्पादन हुआ है।टमाटर का दर इस क्षेत्र में पहली बार इतना कम हुआ है। किसानों को अपना लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है।

टमाटर बटोरने लगी भीड़

रामानुजगंज में किसानों को जब उसके मनमुताबिक टमाटर प्रति किलो के हिसाब से मूल्य नहीं मिल पाया तो वे गुस्से में आकर बीच सड़क पर टमाटर फेंकने लगे, उसके बाद ग्रामीणों की भीड़ लगने लगी।सड़क पर फेंके गए टमाटर को लोग झोला एवं गमछा में बटोरने लगे।ऐसी ही घटना कुछ वर्ष पूर्व सूरजपुर जिले में भी हुई थी। वहां भी किसानों ने बड़ी मात्रा में सब्जियां सड़क पर फेंक अपनी व्यथा बताने का प्रयास किया था।
सरगुजा में नहीं है ऐसी स्थिति
सरगुजा संभाग के दूसरे जिलों में ऐसी स्थिति नहीं है। टमाटर का उत्पादन अधिक होने के कारण निश्चित रूप से किसानों को उम्मीद के अनुरूप थोक बाजार में टमाटर का दाम नहीं मिल पा रहा है लेकिन फूटकर बाजार में अंबिकापुर शहर में उच्च गुणवत्ता का टमाटर 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। छोटे आकार के टमाटर 10 रुपये प्रतिकिलो तक बिक रहे हैं। बाजार में आवक के अनुरूप टमाटर का दर निर्धारित हो रहा है।

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