Chandrayaan-3 आज यानी 25 जुलाई 2023 की दोपहर 2 से 3 बजे के बीच आखिरी बार धरती के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। यह पांचवां अर्थ बाउंड ऑर्बिट मैन्यूवर है। इसके बाद चंद्रयान-3 को सीधे चंद्रमा की ओर जाने वाले हाइवे पर भेज दिया जाएगा। चंद्रयान-3 इस समय 71351 किलोमीटर वाली एपोजी और 233 किलोमीटर वाली पेरीजी की ऑर्बिट में घूम रहा है। अब 71,351 किलोमीटर को बढ़ाकर सवा लाख किलोमीटर के आसपास किया जा सकता है।
इसके बाद चंद्रयान-3 को 31 जुलाई या 01 अगस्त को चंद्रमा की ओर जाने वाले लंबे गैलेक्टिक हाइवे पर डाल दिया जाएगा। यानी लूनर ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी (Lunar Transfer Trajectory – LTT) में। इस हाइवे पर डालने के लिए चंद्रयान-3 को स्लिंगशॉट किया जाएगा। चंद्रयान-3 लूनर ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी में पांच दिन यात्रा करेगा। 5-6 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की ऑर्बिट को पकड़ने की कोशिश करेगा। एक बार चंद्रमा की ग्रैविटी फंसकर ऑर्बिट को पकड़ लिया तो उस पर उतरना आसान होगा। चंद्रमा की ओर वह करीब 42 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। ऐसे में अगर चंद्रमा की ऑर्बिट पकड़ में नहीं आई तो वह उसके बगल से गहरे अंतरिक्ष में निकल जाएगा। चंद्रमा की 100X100 KM की कक्षा में डाला जाएगा।