CG: पैरोल पर आया बाहर, फिर जेल लौटा ही नहीं, 21 साल तक मौज मस्ती के बाद इस तरह हुई गिरफ्तारी


रायगढ़।  हत्या के मामले में सजा काट रहा एक कैदी, जो पैरोल पर छूटने के बाद फरार हो गया था, आखिरकार 21 वर्षों बाद पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आरोपी संतोष कहार को उसके गृह ग्राम सक्ती जिले के चिसदा गांव से गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी रायगढ़ पुलिस की सतत निगरानी और प्रयासों का परिणाम है।













रायगढ़ जिला जेल से पैरोल पर रिहा होकर 21 साल तक फरार रहने वाले हत्या के दोषी संतोष कहार को रायगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला वर्ष 2004 का है, जब चक्रधरनगर थाना क्षेत्र के ग्राम चिटकाकानी में ईंट भट्टा में मजदूरी कर रहे संतोष कहार ने जमीन विवाद को लेकर व्यवसायी सुरेश अग्रवाल की निर्मम हत्या कर दी थी। इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

सजा के दौरान संतोष कहार ने पैरोल के लिए आवेदन दिया, जिसे स्वीकृति मिलने पर उसे अस्थायी रूप से जेल से रिहा किया गया। लेकिन पैरोल की अवधि समाप्त होने के बाद भी वह जेल नहीं लौटा। इसके बाद न्यायालय द्वारा उसके विरुद्ध स्थायी वारंट जारी किया गया, लेकिन पुलिस को उसकी कोई जानकारी नहीं मिल सकी।

21 वर्षों तक फरारी के बाद, चक्रधरनगर थाना प्रभारी अमित शुक्ला ने पुराने स्थायी वारंटों की समीक्षा शुरू की। इसी दौरान सूचना मिली कि संतोष कहार सक्ती जिले के हसोद थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम चिसदा में छिपकर रह रहा है। इस पर पुलिस की टीम ने गांव में दबिश दी और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस पूछताछ में संतोष ने खुलासा किया कि वह पैरोल पर रिहा होने के बाद हिमाचल प्रदेश चला गया था, जहां उसने लगभग 9 वर्षों तक दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम किया। बाद में वह वापस अपने गांव चिसदा लौट आया और वहीं गुमनाम जीवन जी रहा था।डीएसपी सुशांतो बनर्जी ने बताया कि यह गिरफ्तारी पुलिस की सतत निगरानी और वारंट निष्पादन अभियान का परिणाम है। उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय बाद आरोपी की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और भविष्य में भी इसी तरह फरार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।


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