दिल्ली में बाइक टैक्सी पर सरकार की ओर से लगाए गए बैन के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले 9 जून को हुई सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा था कि आप अपनी याचिका केंद्र सरकार (सॉलिसीटर जनरल) को भेज दें।दिल्ली सरकार ने 26 मई को हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की वेकेशन बेंच सुनवाई कर रही है।
बाइक टैक्सी पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया
सरकार ने फरवरी 2023 में राजधानी में बाइक टैक्सी पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया थ, जिसे कैब एग्रीगेटर्स ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी। केस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मामले में अंतिम नीति आने तक एग्रीगेटर्स को सेवाएं जारी रखने का फैसला दिया था।
रोजगार दे सकता है बाइक टैक्सी का बाजार
2015 के बाद से देश में बाइक टैक्सी सर्विस देने वाले स्टार्टअप्स की शुरुआत हुई। 2017 तक 40 कंपनियां इस फील्ड में उतर चुकी थीं। हालांकि बड़े प्लेयर्स ओला बाइक, उबर मोटो और रैपिडो ही रहे। ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट का दावा है कि बाइक टैक्सी का मार्केट 33 हजार करोड़ से ज्यादा का रेवेन्यू पैदा कर सकता है और 20 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दे सकता है।