रायपुर : सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। श्री अग्रवाल ने विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह को अपना इस्तीफा सौंपा है। इस मौके पर, पूर्व सांसद सुनील सोनी, विधायक, पुरंदर मिश्रा, विधायक खुशवंत साहेब, विधायक अनुज शर्मा सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता मौजूद है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा निश्चित रूप से यह क्षण भावुक क्षण है। प्रदेश की जनता, कार्यकर्ता, साथ में रहे विधायक सब के लिए मुश्किल क्षण है। छत्तीसगढ़ की जनता को कहना चाहता हूँ कि उनका मोहन वैसा ही काम करेगा। और इतने सालों में विधानसभा में काम करते हुए मेरे काम से, व्यवहार से किसी को कष्ट हुआ है, उसके लिए मैं माफ़ी मांगता हूँ। मैं इस नई पारी के लिए सबका प्रेम, आशीर्वाद और अपनेपन की उम्मीद करता हूँ। इसी भावना के साथ सांसद के रूप में मैं देश के सबसे बड़े पंचायत में जा रहा हूँ।
सांसद अग्रवाल ने आगे कहा कि केंद्रीय नेतृत्व में सांसद का चुनाव लड़वाया है, तो सोच समझकर लड़ाया होगा। मुख्यमंत्री के अधिकारों में है कि वह वो 6 महीने तक मंत्री रख सकते हैं। यह कहकर बृजमोहन ने मंत्री पद पर बने रहने की अपनी इच्छा जता दी है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि हमारे वरिष्ठ साथी 35 वर्षो से राजनीती में है, राष्ट्रिय पर्वेक्ष में जाने का बृजमोहन अग्रवाल को अवसर मिला है, दिल्ली में जाकर छत्तीसगढ़ की समस्याओं को विशेष रूप से रखेंगे। कांग्रेस के स्वागत है वाले बयान पर कहा कि जिस प्रकार की बयान बाजी आ रही है, मुझे लगता है उनके पास कोई मुद्दा नहीं है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में रायपुर (Raipur) से पार्टी के उम्मीदवार बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Aggarwal) ने भारी अंतर के साथ जीत हासिल की थी। और कांग्रेस के प्रत्याशी विकास उपाध्याय को 5 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। बृजमोहन अग्रवाल देशभर में 8वे नंबर पर सबसे ज्यादा मतों से विजयी होने वाले प्रत्याशी है। वहीँ मोदी केबिनेट में उनके मंत्री बनने के को लेकर चर्चाएं हो रही थी, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने बिलासपुर सांसद को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया, वहीं बृजमोहन अग्रवाल ने अब विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन वे वर्तमान में संसाद साथ ही छत्तीसगढ़ शासन में 6 महीने तक मंत्री बने रहेंगे, यह मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है कि सीएम सांसद बृजमोहन अग्रवाल को कब तक मंत्री बने रहने देने की अनुमति देते है। विदित हो कि कुछ दिनों पहले ही ब्रिजमोहन अग्रवाल ने विधायक पद से इस्तीफा देने के सवाल पर कहा था कि मैं 6 महीने तक मंत्री रह सकता हूँ, यह सीएम के हाथ में है।
डहरिया ने दिया कांग्रेस में आने का ऑफर
सांसद बृजमोहन अग्रवाल को पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कांग्रेस में आने का ऑफर दिया है। शिव डहरिया ने कहा कि, बीजेपी में सिर-फुटोव्वल की स्थिति बनी हुई है। बीजेपी में उनकी उपेक्षा की है, वो चाहें हमारी पार्टी में आ जाएं। अगर बृजमोहन मिलेंगे तो उनसे जरूर चर्चा करेंगे। वो जो चाहे वो मिलेगा।
जानिए बृजमोहन अग्रवाल का राजनीतिक सफर
बृजमोहन अग्रवाल का जन्म एक मई 1959 को रायपुर में हुआ था. काॅमर्स व आर्ट्स दोनों विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन, एलएलबी की डिग्री भी ली है. साल 1986 में इनकी शादी सरिता देवी अग्रवाल से हुई. इनके 2 बेटे और 1 बेटी हैं. वे मध्यप्रदेश से बंटवारे से पूर्व भी मंत्री का पद संभाल चुके हैं. मध्यप्रदेश विधानसभा द्वारा उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार भी प्रदान किया गया है. बृजमोहन ने मात्र 16 साल की उम्र में ही 1977 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ले ली थी. वर्ष 1981 और 1982 के दौरान वे छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे. 1984 में वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने. 1988 से 1990 तक वे भाजयुमो के युवा मंत्री भी रहे. 1990 में वे पहली बार मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक चुनकर आए. वे राज्य के सबसे युवा एमएलए थे. इसके बाद से वे 1993, 1998, 2003, 2008, 2013, 2018 और 2023 में विधायक चुने गए.