बस्तर। छत्तीसगढ़ में बस्तर स्थित विख्यात कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में माउस डियर (mouse deer) की तस्वीर ट्रेप कैमरे में कैद हुई है. उद्यान में दिखे दुर्लभ ‘माउस डियर’ हिरण प्रजाति में सबसे छोटा होता है. हाल ही में वहां राष्ट्रीय उद्यान में संकटापन्न जंगली भेड़ियों की वापसी के साथ-साथ इससे लगे गांवों तक प्रदेश की राजकीय पक्षी ‘पहाड़ी मैना’ की भी मीठी बोली गूंजने लगी हैभारत में पाए जाने वाले हिरणों की 12 प्रजातियों में से माउस डियर विश्व में सबसे छोटे हिरण (deer) समूह में से एक है. भारतीय माउस डियर का रहवास विषेश रूप से घने झाड़ियों व नमी वाले जंगलों में पाए जाते है. यह बहुत सरमिले प्रजाति होते है यही वजह है कि जिल्दी दिखाई नही देते. माउस डियर में चूहे- सुअर और हिरण के रूप का आकार और मिश्रण दिखाई देता है. बिना सींग वाले हिरण का एकमात्र समूह है माउस डियर के शर्मीले व्यवहार और रात्रिकालीन गतिविधि के कारण इनमें विशेष रिसर्च नहीं हो पाई है. मुख्य रूप से दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती वनों में माउस डियर की उपस्थिति दर्ज हुई है. वनों में लगने वाली आग, बढ़ते हुए अतिक्रमण और शिकार के दबाव से भारतीय माउस डियर की आबादी को गंभीर खतरे का सामना करना पड़ रहा है.