रायपुर : छत्तीसगढ़ के हायर एजुकेशन में बड़ा बदलाव किया गया है। जुलाई से शुरू होने वाले कॉलेज और यूनिवर्सिटी के नए सेशन में कई तरह के बदलाव किए गए हैं। बता दें कि प्रदेश में 1986 के बाद से सिलेबस में बदलाव किया गया है। 2000 में नया छत्तीसगढ़ बनने के बाद सिलेबस में सामान्य बदलाव होते रहे हैं। नया सिलेबस केंद्रीय अध्ययन मंडल ने बनाया है।
नए सेशन में बदलाव
बता दें कि जुलाई से शुरू होने वाले कॉलेज और यूनिवर्सिटी के नए सत्र को देखते हुए कई अहम बदलाव किए गए है। अब केवल ऑनर्स डिग्री धारक ही पीएचडी कर सकेंगे। साथ ही स्वशासी महाविद्यालयों (autonomous College) में सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई होगी । इसके अलावा क्लास बंक करने वालों के लिए भी नियम बनाया गया है। जिसमें क्लास बंक करने से स्टूडेंट्स फेल भी हो सकते हैं।
दावा किया जा रहा है कि नया सिलेबस रोजगार मूलक है। इसकी डिप्लोमा, डिग्री, ग्रेजुएशन या किसी भी स्तर का कोर्स पूरा करने पर किसी न किसी तरह का रोजगार जरूर मिल जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग के संचालनालय ने सभी विश्वविद्यालयों को कुल सचिवों के नाम आदेश भी जारी कर दिया है। इसमें केंद्रीय अध्ययन मंडल द्वारा बनाए गए सिलेबस को सभी महा विद्यालयों में लागू करने को कहा गया है।
नए सिलेबस को पुस्तकीय ज्ञान के साथ व्यावहारिक ज्ञान से जोड़ा गया है। खास बात यह भी है कि अब किसी भी तरह की पढ़ाई करने वाले को कंप्यूटर कोर्स पढ़ना जरूरी होगा। इसकी अनिवार्यता इसलिए की गई है कि अब समय की जरूरत के अनुसार इसकी पढ़ाई अनिवार्य है। इसी तरह ऑनर्स का कोर्स करने वाले ही अब पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर सकेगा। ऑनर्स भी छात्र को 75 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण करना होगा।