Sameer Wankhede : आर्यन खान क्रूज ड्रग्स केस में एनसीबी की विजिलेंस टीम की ओर से दाखिल जवाब में कई बातें सामने आई हैं. NCB की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि आर्यन खान और अरबाज खान का नाम बहुत बाद में जोड़ा गया, जबकि कई लोगों के नाम ड्रॉप किए गए जिनके नाम का इनपुट था.
NCB की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि जो दस्तावेज मिले थे उन्हें देखने के बाद ऐसा समझ में आता है कि मोबाइल फोन जब्त नहीं किए गए और नाही उनका पंचनामा किया गया. वहीं, छापेमारी में पकड़े गए लोगों की कीमती चीजें जब्त करने के लिए कोई डॉक्यूमेंट नहीं बनाया गया था. एनसीबी ने जवाब में कहा कि इस आरोप पर कई गवाहों के बयान दर्ज किए गए. जिन्होंने इसकी पुष्टि की.
आर्यन खान की कस्टडी में दी थी ढील
एनसीबी की विजिलेंस टीम की जांच में यह भी पाया गया कि आर्यन खान की कस्टडी में ढिलाई बरती गई थी, ताकि इसका फायदा केपी गोसावी को हो. एनसीबी मुंबई जोन के पूर्व चीफ समीर वानखेड़े पर सर्विस के दौरान गलत प्रक्रिया अपनाने की भी जांच की गई. इसमें पाया गया कि उन्होंने परिवार के साथ विदेश यात्रा की, लेकिन खर्चे की बात पूरी नहीं बताई.
इसके साथ ही समीर वानखेड़े ने 22 लाख 5 हजार रुपये कीमत की रोलेक्स की घड़ी 17 लाख 40 हजार में क्रेडिट पर खरीदी, जिसका ब्यौरा ठीक तरह से नहीं दिया गया. वहीं, विजिलेंस टीम के नोटिस में ये भी आया है कि घड़ी का खरीदार और बेचने वाला वही शख्स निकला जिसने वानखेड़े और उनके परिवार को मालदीव जाने के लिए पैसे दिए थे.
जांच के दौरान संपत्ति को लेकर हुए बड़े खुलासे
जांच के दौरान समीर वानखेड़े ने बताया कि उन्होंने 82,87,399 रुपए गोरेगांव के फ्लैट के लिए खर्च किए. उस फ्लैट की कीमत 2.45 करोड़ रुपए है. इस संदर्भ में उनके बयान और दस्तावेज के आधार पर इस फ्लैट की कीमत अलग दिख रही है, जिसकी जांच करना जरूरी है.
कोर्ट में दायर जवाब के अनुसार, वानखेड़े की दो साल की ITR (1-04-2018 से 31-03-2020) के मुताबिक़ उनकी इनकम 31,55,883 थी और उनकी पत्नी की इनकम 14,05,577 थी. जो कुल मिलाकर 45,61,460 रुपए थी. वहीं, मालदीव के दो ट्रिप में हुए अनरिपोर्टेड ट्रांज़ेक्शन 7,25,000 रुपए थे और रोलेक्स घड़ी की क़ीमत 22,05,000 रुपए थी, जोकि कुल 29,30,000 रुपए होती है.
वानखेड़े ने बताया कि शादी से पहले उनकी पत्नी ने एक फ़्लैट के लिए 1.25 करोड़ रुपये का निवेश किया था. उनकी शादी 8 फरवरी 2017 को हुई थी उस समय का ITR (2016-17) अभी तक जमा नहीं किया गया है. जिसकी वजह से 1.25 करोड़ रुपये का सोर्स पता नहीं चल पाया है.