शासकीय उचित मूल्य की दूकान संचालक की मनमानी, ग्रामीणों को तीन महीने से नहीं मिल रहा राशन


सूरजपुर : जिले के प्रेमनगर जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत नावापाराकला के उचित मूल्य दुकान के संचालक और अनीता स्वयं सहायता समूह द्वारा पिछले 2024 की जनवरी से हितग्राहियों क़ो खाद्य समाग्री देना उचित नहीं समझता है, जबकि हितग्रहियों का फिंगर लगवाकर पैसा जमा कराकर भी चावल नहीं देता है, जबकि हितग्राही नियमित रूप से उचित मूल्य की दुकान पहुंच रहे है।


सुबह से शाम बैठने के बाद उन्हें खाद्य समाग्री नहीं दिए जाने से उन्हें भूखे रहना पड़ रहा है, जबकि शाशन की महत्त्वपूर्ण योजना मे से एक है किन्तु गरीबों क़ो दिए जाने वाला इस योजना पर खुले आम बट्टा लगाया जा रहा है किन्तु प्रसाशन और जिम्मेदार अधिकारी यों के संज्ञान मे होने के बाद इतने दिनों बाद भी कार्यवाही नहीं किया गया जिससे संचालक का मनोबल बड़ा हुआ है।

इस संबंध मे ग्रामीणों और मिडिया और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जन दर्शन, जनपद सी ई ओ, तहसीलदार, एवं फूड इंस पैक्टर क़ो लिखित शिकायत की किन्तु संचालक के विरूद्ध आज तक क़ोई कार्यवाही नहीं हो पाया न ही इस मामले मे क़ोई रोक टोक नहीं हुई।

उल्लेखनीय है की मंगलवार एवं बुधवार क़ो जिला खाद्य अधिकारी विजय किरण के निर्देश पर प्रेमनगर के खाद्य अधिकारी ने गांव मे पहुंचकर हितग्राहियों का बयान दर्ज करते हुए पंच नामा तैयार कर लिया है, और संचालक क़ो तीन दिवस के भीतर राशन देने का निर्देश दिया है, ऐसे मे समूह की अध्यक्ष और सचिव एवं सदस्यों ने मोर्चा खोलते हुए संचालक के बीच विवाद की स्तिथि निर्मित भी हो चूका है,वहीं गांव की आधा दर्जन महिला पुरुषो ने मिडिया से शिकायत करते हुए उचित मूल्य दूकान के संचालक के विरूद्ध कार्यवाही और एफ आई आर दर्ज करने की गुहार लगाई है।

स्थानीय बीडीसी ने आरोप लगा बताया की गरीबों का चावल नियमित नहीं दिए जाने से मेरे जनता परेशान हो रहे हैं, अभी तक डेढ़ से दो सौ लोगों क़ो खाद्य समाग्री प्रदान नहीं किया है, जिसकी शिकायत किया गया है, कहा की फूड इंस पैक्टर के द्वारा नियमित कार्यवाही नहीं करने के कारण ऐसा परिस्तिथि निर्मित हुआ है उन्होंने मिली भगत का भी आरोप लगाया है।

आज फूड इंस पैक्टर ने हितग्राहियो का पंचनामा लेकर कार्यवाही हेतु अनुशंसा करते हुए शिकायत एसडीएम अनुविभागीय अधिकारी रामानुजनगर से किया है, अब देखना दिल चस्प होगा की संचालक के विरूद्ध किस तरह की कार्यवाही होती है या मामले क़ो रद्दी की टोकरी मे डाल दिया जाएगा।


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