अक्षय पुण्य फल प्रदान करने वाली आंवला नवमी कल यानी 21 नवंबर दिन मंगलवार को है. यह कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को होती है. आंवला नवमी को अक्षय नवमी और कूष्मांड नवमी भी कहते हैं. इस दिन आंवले के वृक्ष और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आंवला नवमी से आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है और कार्तिक पूर्णिमा तक उसमें श्रीहरि का वास रहता है.
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 21 नवंबर दिन मंगलवार को तड़के 03:16 बजे शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 22 नवंबर दिन बुधवार को सुबह 01:09 बजे होगा. उदयातिथि के आधार पर इस साल आंवला नवमी 21 नवंबर को मनाई जाएगी.
आंवला नवमी 2023 पूजा मुहूर्त?
21 नवंबर को आंवला नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:48 बजे से दोपहर 12:07 बजे तक है. इस दिन पूजा के लिए आपको 05 घंटे से अधिक का समय मिलेगा. इस दिन का शुभ मुहूर्त या अभिजित मुहूर्त दिन में 11:46 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक है.
आंवला नवमी की पूजन विधि
आंवला नवमी के दिन सुबह स्नान व ध्यान करके आंवले के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए. आंवले के पेड़ के पर दूध, जल, अक्षत, सिंदूर व चंदन अर्पित करें. इसके बाद आंवला के पेड़ पर मौली बांधकर भगवान विष्णु के मंत्र का जप करना चाहिए. इसके बाद धूप दीप से आरती उतारें और 11 बार हाथ जोड़कर परिक्रमा करें.
आंवला नवमी पर रवि योग और पंचक
इस बार आंवला नवमी वाले दिन रवि योग बन रहा है. रवि योग रात में 08:01 बजे से बन रहा है, जो अगले दिन सुबह 06:49 बजे तक रहेगा. वहीं, पूरे दिन पंचक लगा है.