पुलिस विभाग में नौकरी के नाम पर युवक से ठगी, चार शातिरों ने दिया था झांसा.. एक ने खुद को बताया पुलिस अफसर


भिलाई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में जामुल थाना क्षेत्र के रहने वाले एक युवक से पुलिस विभाग में नौकरी दिलाने के नाम में लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। जामुल थाना क्षेत्र के गुरुघासीदास नगर समता चौक शिव मंदिर, वार्ड नंबर-23 निवासी रमेश चौहान के साथ आजाद मार्केट रिसाली निवासी शशिकांत दुबे व अवधेश यादव ने अपने दो साथियों गौरव वैष्णव व कथित सीएसपी विष्णु सोरेन ने ठगी की। पुलिस विभाग में पक्की नौकरी दिलाने के नाम पर अलग अलग किश्तों में 4,46,000 रुपए लेकर कबीरधाम जिले का फर्जी नियुक्त आदेश भी थमा दिया। युवक जब कबीरधाम एसपी अभिषेक पल्लव से मिला तब उसे पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है। इस मामले में युवक की शिकायत पर जामुल पुलिस ने चारों के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।


पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में गुरुघासीदास नगर समता चौक शिव मंदिर, वार्ड नंबर-23 निवासी रमेश चौहान ने बताया कि वह बीईसी कंपनी में मजदूरी का काम करता है। उसने 2018 में पुलिस भर्ती के लिए शारीरिक दक्षता के साथ परीक्षा भी दी थी। इसके बाद वह पुलिस विभाग में नौकरी के प्रयास में लगा था। इस बीच एक परीचित प्रेमरत्न दीक्षित ने बताया कि आजद मार्केट रिसाली निवासी शशिकांत दुबे, अवधेश यादव व गौरव वैष्णव यह सब काम करते हैं। पुलिस के बड़े अफसरों से उसकी अच्छी पहचान है और वह नौकरी लगवा देगा। इसके बाद रमेश चौहान ने प्रेमरत्न दीक्षित के साथ शशिकांत दुबे से चर्चा की।

शशिकांत दुबे ने रमेश चौहान को आश्वस्थ किया कि तुम्हारी नौकरी पुलिस विभाग में लगवा देंगे। इसके बाद शशिकांत दुबे ने मैन्यूमेंट पार्क के पास सिविक सेंटर में रात 9 से 10 बजे के बीच रमेश व उसके पिता से बातचीत की। शशिकांत ने वहां अवधेश यादव व गौरव वैष्णव को बुलाया। दोनों ने विश्वास दिलाया और कहा कि इसके लिए 3 लाख रुपए देने पड़ेंगे। इन लोगों ने विश्वास दिलाया कि नौकरी नहीं लगने पर रुपए वापस हो जाएंगे। यह भी बताया कि अवधेश यादव भर्ती अधिकारी का खास आदमी है तुम्हारी नौकरी लग जाएगी। इनकी बातों में आकर रमेश ने भरोसा कर लिया। अवधेश यादव खुद को कांग्रेस का नेता व राजनीतिक पहुंच वाला व्यक्ति बता रहा था।

रुपए लेकर तीन माह में भर्ती का दिलाया भरोसा

इसके बाद रमेश चौहान ने रुपयो का इंतजाम किया और 3 मार्च 2021 को उसने हाइवे कैंटीन के पास शशिकांत दुबे को बुलाया। रमेश अपने पिता व दोस्त प्रेमरत्न दीक्षित के साथ वहां पहुंचा। वहां पर अवधेश यादव, शशिकांत दुबे, गौरव वैष्णव पहले से मौजूद थे। इनके साथ एक अन्य व्यक्ति भी बैठा था जो जिसका विष्णु सोरेन है और अपने आप को पुलिस मुख्यालय रायपुर में सीएसपी बताया। विष्णु सोरेन के बारे में तीनों ने बताया कि यही अफसर हैं जो भर्तियां कराते हैं। चारो ने रमेश व उसके पिता से लगभग आधा घंटा बात की और तीन लाख रुपए लेकर तीन माह के अंदर नौकरी पक्की होने का भरोसा दिलाकर चले गए।

तीन माह बाद भी नहीं आया कॉल

रुपए लेने के तीन माह बाद भी पुलिस विभाग में कोई भर्ती का कॉल नहीं आने पर रमेश चौहान ने शशिकांत दुबे एवं विष्णु सौरेन से बात की। तब विष्णु सोरेन ने कहा कि 50 हजार रुपए और लगेंगे। लिस्ट में कांट-छांट चल रही है उसमें तुम्हारा नाम है छटनी न होने पाए इसलिये मांग रहे हैं। विष्णु सोरन ने कहा कि पुलिस अधिकारी पर मान नहीं रहे है नहीं देने पर काम रूक जाने का डर दिखाया। इसके बाद रमेश चौहान ने 7 जुलाई 2021 को आनलाईन खाते में 40,000 रुपए, 8. जुलाई 2021 को 5000 रुपए तथा 6 फरवरी 2022 को 1000 रुपए आनलाईन दिया।

अफसर के ट्रांसफर का बनाया बहाना

समय पर रुपए नहीं देने के कारण तीनों ने एक साल तक यह कहकर घुमाया गया। इसके बाद कहा गया कि जितने लड़के भर्ती किए सभी ने रुपए दिए थे इसलिए जांच शुरू हो गई है। इसके बाद शातिरों ने रमेश को यह कहा कि पहले वाले अधिकारी का ट्रांसफर हो गया है और अब नया अधिकारी आया है। वह ढाई लाख रुपए और मांग रहा है।रुपए देने से मना करने पर उसने कहा कि वह बात करेगा। इसके बाद रमेश चौहान को बताया गया कि एक लाख रुपए में मान गए हैं और इतने में काम हो जाएगा। पिता की एफडी तोड़कर 1 लाख रुपए की व्यवस्था की गई। 26 अगस्त 2022 को विष्णु सोरेन एवं गौरव वैष्णव घासीदास नगर में रमेश के घर पहुंचे और एक लाख रुपए ले गए।

लगातार करते रहे टालमटोल, फिर दिया फर्जी नियुक्ति आदेश

एक लाख रुपए लेने के बाद गौरव वैष्णव व कथित सीएसपी विष्णु सोरेन ने कहा कि विभागीय जांच चल रही है इस बात का हल्ला नहीं करना है। इसके बाद लगातार दोनों टाल मटोल करते रहे। कभी वीआईपी ड्यूटी तो कभी बिजी होने का बहाना बनाकर टालते रहे। लगातार बात करने के बाद विष्णु सोरेन ने कहा कि तुम्हारा काम हो गया है। आधार कार्ड भेजने पर 4 सितंबर 2023 को रमेश चौहान के वाट्सएप पर विष्णु सोरेन ने कार्यालय पुलिस अधीक्षक जिला कबीरधाम (छ.ग.) का नियुक्ति पत्र भेजा, और कहा कि एक माह बाद पोस्ट के जरिए ज्वाइनिंग लेटर आने का भरोसा दिलाया।

फिर की 25 हजार रुपए की मांग तो हुआ शक

नियुक्ति पत्र को जल्दी भेजने के नाम पर विष्णु सोरेन ने फिर एक बार 25 हजार रुपए की मांग की। लगातार रुपए मांगे जाने पर रमेश चौहान को शक हुआ और वह वाट्सऐप पर आए नियुक्ति आदेश को लेकर कबीरधाम एसपी अभिषेक पल्लव के पास पहुंचा। कबीरधाम पहुंचने पर उसे पता चला कि पुलिस विभाग से यह जारी नही किया गया है न ही हमारे विभाग के किसी अधिकारी ने बनाया है।

इसके बाद रमेश को अपने साथ ठगी का अहसास हुआ। इस मामले में जामुल थाने पहुंचकर शशिकांत दुबे, अवधेश यादव, गौरव वैष्णव एवं विष्णु सोरेन (कथित सीएसपी पीएचक्यू रायपुर) के खिलाफ 4,46,000 रुपए की धोखाधड़ी किए जाने की शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में जामुल पुलिस ने चारों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।


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