रायपुर: छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका अपने दो दिवसीय प्रवास पर खैरागढ़ पहुंचे। उन्होंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में 7 मई से 16 मई 2025 तक आयोजित “ग्रीष्मकालीन कलात्मक शिविर”(निःशुल्क समर कैंप) का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम का आयोजन इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कैंपस 2 स्थित ऑडिटोरियम में हुआ जहां बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेन डेका, विशिष्ट अतिथि विश्विद्यालय संस्थापक परिवार की सदस्य उज्ज्वला सिंह, कुलपति डॉ लवली शर्मा, कुलसचिव प्रेम कुमार पटेल, कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा, पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल, विश्वविद्यालय स्टाफ व बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।








मां सरस्वती के तैलचित्र पर माल्यार्पण व दीपप्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई,
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेन डेका ने ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के कलात्मक विकास के लिए उठाए गए सकारात्मक कदम के लिए कुलपति की प्रशंसा की, उन्होंने कहा कि पिछली बार जब मैं यहां आया था तो यहां के छात्रों की प्रतिभा को मैंने देखा यहां के छात्रों के भीतर गजब की प्रतिभा है जिससे मैं काफी प्रभावित हूं इसी कारण मैं अपने तरफ जो भी अच्छा हो सके इस विश्वविद्यालय के लिए करना चाहता हूं।
कुलपति डॉ लवली शर्मा ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय के लिए अपनी दूरदृष्टी को साझा किया उन्होंने कहा कि एशिया के पहले संगीत विश्वविद्यालय को फिर से ए ग्रेड यूनिवर्सिटी बनाने की दिशा में काम करना उनका पहला लक्ष्य है, उन्होंने आगे कहा कि ग्रीष्मकालीन कलात्मक शिविर के माध्यम से हमारा मकसद जिले के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों का कलात्मक विकास करना है, ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को विश्वविद्यालय में अध्ययन करने में झिझक होती है इस शिविर के माध्यम से हम उन्हें ये विश्वास दिलाना चाहते है कि ये विश्वविद्यालय आपका है बिना किसी झिझक के आप यहां अध्ययन करने आए।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि विश्विद्यालय संस्थापक परिवार की सदस्य उज्ज्वला सिंह ने नवाचार के तहत ग्रीष्मकालीन कलात्मक शिविर का आयोजन करने के लिए कुलपति का साधुवाद किया उन्होंने कहा कि हमें अपने संस्कृति के संरक्षण के लिए विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों के भविष्य के बारे में सोचना होगा, ये कटु सत्य है कि यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को उनकी योग्यता के समकक्ष रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाते अगर यही स्थिति रही तो भविष्य में इन विषयों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या धीरे धीरे कम होती जाएगी मैं राज्यपाल से निवेदन करती हूं कि हमें अपनी संस्कृति को सहेज के रखने के लिए इन छात्रों के बारे में सोचना जरूरी है इनके लिए इनकी योग्यता के हिसाब से रोजगार उपलब्ध कराना होगा…