दिल्ली :-देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सा क्षेत्र में अहम फैसला सुनाते हुए डॉक्टरों को मरीजों के लिए केवल जेनेरिक दवाएं लिखने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि डॉक्टर किसी खास कंपनी की ब्रांडेड दवाएं न लिखें, जिससे महंगी दवाओं के नाम पर मरीजों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े।








यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दवा कंपनियों से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनियां डॉक्टरों को मुनाफे के लिए प्रभावित करती हैं। कोर्ट ने माना कि अगर पूरे देश में यह आदेश लागू होता है तो स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और सुधार की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित होगा।
तीन जजों की पीठ ने सुनाया फैसला
जस्टिस संदीप मेहता, विक्रम नाथ और संजय करोल की तीन सदस्यीय पीठ ने यह निर्देश जारी किया। पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि डॉक्टरों पर अक्सर दवा कंपनियों से रिश्वत लेने और महंगी ब्रांडेड दवाएं लिखने के आरोप लगते हैं। लेकिन जेनेरिक दवाएं लिखने से न सिर्फ मरीजों को राहत मिलेगी, बल्कि ऐसे आरोपों से भी डॉक्टरों को बचाया जा सकेगा।
गौरतलब है कि इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने भी इसी तरह का आदेश जारी किया था, जिससे राज्य में चिकित्सा सेवाओं को अधिक सुलभ और किफायती बनाया जा सके।