स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई में आईक्यूएसी सेल द्वारा नवप्रवेशी विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति व महाविद्यालय की गतिविधियों, उपलब्धियों विविध प्रमाण पत्र कोर्स की जानकारी देने हेतु ‘दीक्षारंभ’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्व महिला एवं बालविकास मंत्री छत्तीसगढ़ शासन, श्रीमती रमशीला साहू उपस्थित हुई। विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री गंगाजली शिक्षा समिति की दानदाता सदस्य डॉ. मोनिषा शर्मा एवं प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला उपस्थित हुई।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति सेल प्रभारी डॉ. रजनी मुदलियार, विभागाध्यक्ष रसायन शास्त्र ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया, विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास, गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा, विषय ज्ञान के साथ कौशल विकास, मूल्य परक व रोजगारन्मूलक शिक्षा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रमुख विशेषता है यह सेमेस्टर प्रणाली पर आधारित है जिससे विद्यार्थियों पर मानसिक दबाव न रहें। व्यवहारिक ज्ञान व स्वयं करके सीखने पर आधारित है। उन्होंने बताया यह तीन वर्ष का डिग्री व चार वर्ष में आनर्स का बहुसंकाय स्नातक पाठ्यक्रम है और अधिकतम सात वर्ष में इसे पूरा करना होगा उन्होंने बताया राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों के सतत् मूल्यांकन पर आधारित है इसमें 70 नंबर वार्षिक परीक्षा व 30 नंबर इकाई व आंतरिक मूल्यांकन के रहेंगें।
डॉ. मोनिषा शर्मा ने नवप्रवेशी छात्रों का स्वागत करते हुये कहा आप आज यहां के मुख्य अतिथि है जीवन में कई घटनायें घटनी है पर कुछ घटनायें हमारी जीवन धारा बदल देती है, हो सकता है दीक्षारंभ आपके जीवन में बदलाव लाने वाली घटना हो। आज आपके जीवन में क्या बदलाव आयेगा? आप यहां से क्या लेकर जायेंगे? हमारे महाविद्यालय में शिक्षा के साथ संस्कृति परम्परा व धार्मिक मूल्यों की शिक्षा देते है जो विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों में विकास के लिये आवश्यक है।
प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर समाचार पत्रों, दूरदर्शन, रेडियो में जो विरोधाभाष बयान आ रहे है उसे स्पष्ट करते हुये कहा तालाब में जब रुके पानी में हम कंकण मारते है तो हलचल के कारण सब धूंधला दिखता है पर अगर हम थोड़ी देर रुक जाये तो हमें साफ पानी मिलेगा वैसे ही हम शांत होकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को समझे तो हमें बेहतर परिणाम देखने मिलेगा यह शिक्षा नीति डिग्री पर आधारित न होकर कौशल विकास पर केन्द्रित है उन्होंने पालकों से कहा महाविद्यालय में प्रवेश के बाद हम बच्चों के प्रति निश्चित हो जाते है आप समय-समय पर महाविद्यालय आकर विद्यार्थी की प्रगति की जानकारी लीजिये।
श्रीमती रमशीला साहू ने नव-प्रवेशी विद्यार्थियों के लिये कार्यक्रम आयोजित कर उनका मनोबल बढ़ाने के लिये महाविद्यालय परिवार की सराहना करते हुये कहा विद्यार्थियों को अपने विचार सकारात्मक रखना होगा हमें देश के प्रति अनुराग स्वामी विवेकानंद के जीवन से सीखना चाहिये। विद्यार्थियों के व्यक्त्वि व चरित्र का निर्माण अगर श्रेष्ठ होगा तो समाज व देश स्वयं श्रेष्ठ होगा हम सुधरेंगे तो युग सुधरेगा हम बदलेंगे तो युग बदलेगा। हमें सदभावना व वसुधैव कुटुम्बकम की भावना लेकर चलना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विद्यार्थी स्वालंबी बनेंगे वे नौकरी करने वाले नहीं अपितु नौकरी देने वाले मालिक होंगे। आज के व्यवसायिक युग में हमारी गुरु-शिष्य परंपरा विलुप्त हो रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस परंपरा को नया आयाम मिलेंगा उन्होंने विद्यार्थियों से कहा बच्चों की उपलब्धियॉं मॉं-बाप को गर्व से भर देती है आप अपने पालकों को गौरान्वित होने का मौका दें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुये कहा इसमें ई-लर्निंग पर बल देकर पाठ्य पुस्तक पर निर्भरता को कम किया जायेगा व उच्च शिक्षा विभाग इसे नियंत्रित करेगा। इसमें जीडीपी का 6 प्रतिशत हिस्सा खर्च किया जायेगा एआई पर बल दिया जायेगा।
विज्ञान, कला, कम्प्यूटर एवं गणित, वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग ने पावर पाईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विद्यार्थियों व पालकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति को समझाया व बताया अब विद्यार्थी का सतत् मूल्यांकन होगा। आंतरिक मूल्यांकन इकाई परीक्षा प्रणाली की जानकारी दी गई व बताया जिसमें दस नंबर का दस वस्तुनिष्ठ प्रश्न, चार प्रश्न पाँच नंबर का व दस-दस नंबर के चार प्रश्न पूछे जायेंगे, विद्यार्थियों को चयनित किये जाने वाले विषयों की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में मंच संचालन स.प्रा. संयुक्ता पाढ़ी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी व स.प्रा. अंग्रेजी हितेश सोनवानी ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक प्राध्यापिकायें, नवप्रवेशित छात्र व उनके पालक, सभी संकायों के दिवितीय एवं तृतीय वर्ष के सभी विद्यार्थी उपस्थित हुये।