बीएसपी अस्पताल के बर्न यूनिट ने पुनः एक बार साबित की अपनी श्रेष्ठता 4 साल के बच्चे का किया सफल स्किन ग्राफ्टिंग


सेल- भिलाई इस्पात संयंत्र के जे एल एन अस्पताल के बर्न यूनिट की टीम ने एक 4 साल के बच्चे को बचाकर एक और उपलब्धि प्राप्त की है। 24 मार्च 2024 को झारखण्ड के जमशेदपुर के 4 साल के बच्चे के साथ एक दर्दनाक घटना घटित हुई। जिसमें गर्म तेल से उस बच्चे का चेस्ट बुरी तरह से जल गया। जिसके बाद तत्काल उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, यहाँ ढाई महीने तक चले लंबे इलाज के बाद भी बच्चे की स्थिति में कोई सुधार दिखाई ना देने पर माता-पिता हताश हो चुके थे। इन मुश्किल घड़ियों में लगभग 3 महीने बाद, भिलाई के सेक्टर 9 स्थित पं. जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसन्धान केंद्र में कार्यरत उनके एक रिश्तेदार ने सेक्टर 9 अस्पताल के बर्न यूनिट के बारे में उन्हें अवगत कराया और बताया कि यहां बर्निंग सम्बन्धी पीड़ितों का बेहतर इलाज होता है और इस अस्पताल की बर्न यूनिट बेस्ट है।
जानकारी मिलते ही माता-पिता अपने पीड़ित बच्चे को लेकर 16 जून 2024 को सेक्टर 9 जेएलएन अस्पताल पहुंचे और बच्चे को भर्ती कराया। जहाँ तत्काल प्रभाव से उस बच्चे का इलाज शुरू किया गया। सभी आवश्यक जाँच के बाद 22 जून 2024 को किया गया ऑपरेशन पूर्णता सफल हुआ। डॉ उदय और उनकी टीम ने बच्चे की जले हुए स्थान की स्किन पर बच्चे की ही स्किन से ग्राफ्टिंग की जो कि सफल रही। जेएलएन अस्पताल में इलाज के बाद अब सभी तकलीफों से मरीज और उसके परिवार को निजात मिल गई है। बच्चे को 26 जून 2024 को डिस्चार्ज कर दिया गया है। बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुका है
भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य चिकित्सालय के बर्न यूनिट में यह काम 10 दिन में ही सफलतापूर्वक किया गया। भिलाई इस्पात संयंत्र के एडवांस बर्न केयर डिपार्टमेंट में अच्छा इलाज होने से मरीज के माता-पिता काफी खुश हैं। पीड़ित बच्चे के माता-पिता ने बच्चे के इलाज में उच्च स्तरीय सेवाएं प्रदान करने के लिए पूरे भिलाई इस्पात संयंत्र, सेक्टर 9 अस्पताल के साथ एसीएमओ (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांयें- प्लास्टिक सर्जरी) डॉ उदय और उनकी बर्न यूनिट टीम की सराहना की एवं उनका आभार व्यक्त किया। बच्चे की माँ ने अपने स्वस्थ बच्चे के चेहरे पर एक बार फिर मुस्कान देख कर बहुत खुशी जताई।
डॉ विनीता द्विवेदी कुशल मार्गदर्शन में एनेस्थीसिया की टीम ने मरीज बच्चे को जनरल एनेस्थीसिया देकर ऑपरेशन करने में मदद की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांयें) डॉ प्रमोद बिनायके ने इलाज के दौरान डेली राउंड के समय बच्चे का सतत निरिक्षण किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांयें) डॉक्टर कौशलेंद्र ठाकुर द्वारा बच्चे को खिलौने भेंट किया गया।
मरीज के इलाज में उच्च स्तरीय सेवाएं प्रदान करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांयें) डॉ एम रविन्द्रनाथ ने बर्न यूनिट टीम एवं एनेस्थीसिया टीम की सराहना की और उन्हें आगे भी इसी तरह अपनी सेवाएं देने के लिए प्रेरित किया।
इस उपलब्धि पर डॉ उदय के साथ जेएलएन हॉस्पिटल के डॉक्टरों का कहना है कि प्रदेश के साथ साथ दूसरे प्रदेश के मरीजों का भी हमारे संस्थान और विभाग के प्रति विश्वास बढ़ रहा है। उन्होंने कहा “हम नहीं, जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसन्धान केंद्र का काम बोलता है।” उन्होंने कहा, ऐसे केस का आना और उनको सफल करना, हमारे भिलाई के सेक्टर 9 स्थित जेएलएन हॉस्पिटल के प्रति लोगों के बढते विश्वास का सूचक है। इस विश्वास को कायम रखने के लिए जेएलएन हॉस्पिटल के समर्पित डॉक्टरों की टीम हमेशा प्रयासरत रही है और भविष्य में भी रहेगी। जेएलएन सिर्फ हॉस्पिटल नहीं लोगों का विश्वास है।



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