दुर्ग/बालोद/बेमेतरा, 03 मार्च 2024 – गर्मी के मौसम में धान और चने की फसल में सिंचाई के लिये एक साथ कृषि पंप चलने से लोड बढ़ गया है। यह समस्या उन क्षेत्रों में गंभीर है जहां पंप कनेक्शनों का घनत्व ज्यादा है।
डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक महोदय श्री मनोज खरे ने बताया कि बेमेतरा क्षेत्र में कृषि पंपों का घनत्व बहुत अधिक हो गया है। प्रत्येक पंप की मोटर इंडक्टिव (क्वाइल से बना) लोड है। जब एक साथ अधिक संख्या में पंप चलते हैं तो पूरे वितरण सिस्टम का लोड असंतुलित होकर बहुत अधिक इंडक्टिव हो जाता है और विद्युत प्रणाली का पॉवर फैक्टर कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में ट्रांसफार्मर की क्षमता पर एक तरह की छद्म/इंडक्टिव लोडिंग बढ़ जाती है और वोल्टेज कम हो जाता है। इसके लिये आवश्यक है कि राज्य शासन द्वारा कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए जारी निर्देशों के अनुरूप प्रत्येक किसान अपने पंप पर कैपेसिटर अनिवार्यतः लगाये।
इस समस्या के समाधान के लिये छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी प्रत्येक स्तर पर हर संभव प्रयास कर रही है । 33 के वी उपकेन्द्रों में पावर ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता वृद्धि की जा रही है एवं अतिरिक्त्त पावर ट्रांसफार्मर स्थापित किये जा रहे हैं। उपकेन्द्रों में पावर ट्रांसफॉर्मर पर छद्म/इंडक्टिव भार कम किये जाने हेतु कैपेसिटर बैंक की स्थापना की जा रही है। वोल्टेज बढ़ाने हेतु पावर ट्रांसफार्मर की टैप संख्या बढ़ाई जा रही है। किसानों से अपने कृषि पंप कनेक्शन में केपिसिटर लगाने की अपील की गई है।
बेमेतरा जिले के नांदघाट क्षेत्र में ग्रामीणों व्दारा लो वोल्टेज की समस्या को लेकर जानकारी दी गई थी। जिनके निराकरण के लिए पॉवर कंपनी के अधिकारियों ने त्वरित कार्य आरंभ कर दिये हैं। क्षेत्र के फेल ट्रांसफॉर्मर तुरंत बदले जाने की व्यवस्था की जा रही है। पॉवर कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि रबी फसल में प्रमुख रूप से धान लगाये जाने के कारण कृशि पंपों के माध्यम से खेतों में सिंचाई हेतु अधिक मात्रा में पानी के उपयोग होने से आकस्मिक रूप से विद्युत लाईनों एवं ट्रांसफार्मर पर अधिक भार आ गया है, जलस्तर नीचे जाने से पंप ज्यादा करंट/लोड ले रहे हैं। फलस्वरूप कुछ क्षेत्रों में लो-वोल्टेज की समस्या उत्पन्न हो गई है। अतः समस्त कृषकों से आग्रह है कि अपने स्थापित पंप के स्टार्टर के समीप कैपेसीटर स्थापित करें, ताकि लो-वोल्टेज की समस्या का निदान हो सके एवं पंप जलने की समस्या से बचा जा सके। यह प्रमाणित तकनीकी उपाय है और इससे लो वोल्टेज की समस्या से तत्काल राहत प्राप्त की जा सकती है। कृषकों से अनुरोध है कि निम्नानुसार अपने कृषि पंप में कैपेसिटर लगाएं।
बाक्स
पंप की क्षमता – केपिसिटर
0 से 3 एचपी तक – 1 केवीएआर
3 से 5 एचपी तक – 2 केवीएआर
5 से 7.50 एचपी तक – 3 केवीएआर
7.50 से 10 एचपी तक – 4 केवीएआर
Regard’s
Maya Chandraker
Publicity Officer
CSPDCL, Durg