पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की 64 हजार 874 सीटों के नतीजे घोषित किए जाएंगे. राज्य में कुल 73 हजार 887 सीटों पर 9 हजार 13 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं. जिनमें सबसे ज्यादा TMC के 8 हजार 874 उम्मीदवार जीते हैं. बीजेपी के 63, कांग्रेस के 40 और सीपीएम के 36 उम्मीदवार शामिल हैं.
बंगाल में 8 जुलाई को सभी सीटों पर वोटिंग हुई थी। हालांकि मतदान के दौरान कई बूथों पर हिंसा और बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं भी हुईं। शाम पांच बजे तक 65% मतदान हुआ था।शिकायतों के बाद चुनाव आयोग ने सोमवार (10 जुलाई) को 19 जिलों के 697 बूथों पर दोबारा वोटिंग करवाई। वोटिंग 69.85% हुई और हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई
9013 सीटों पर निर्विरोध उम्मीदवार जीते
पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की 64 हजार 874 सीटों के नतीजे घोषित किए जाएंगे. राज्य में कुल 73 हजार 887 सीटों पर 9 हजार 13 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं. जिनमें सबसे ज्यादा TMC के 8 हजार 874 उम्मीदवार जीते हैं. बीजेपी के 63, कांग्रेस के 40 और सीपीएम के 36 उम्मीदवार शामिल हैं.
BSF बोली- पुलिस बल पर्याप्त था, उसका इस्तेमाल नहीं किया गया
हिंसा की घटनाओं को लेकर BSF DIG एसएस गुलेरिया ने रविवार को कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग से कई बार सेंसिटिव बूथ की जानकारी मांगी थी, लेकिन उन्हें यह जानकारी नहीं दी गई। राज्य चुनाव आयोग ने सिर्फ 7 जून को सेंसिटिव बूथ की संख्या बताई। उनकी लोकेशन या कोई और अन्य जानकारी नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि राज्य में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) के 59 हजार ट्रूप और 25 राज्यों की आर्म्ड पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन इसका ठीक तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा सका। राज्य सरकार ने बताया था कि सिर्फ 4,834 सेंसिटिव बूथ हैं, जिन पर CAPF को तैनात किया गया था, लेकिन असल में यहां कई ज्यादा सेंसिटिव पुलिस बूथ थे। BSF की तैनाती तो स्थानीय प्रशासन की मांग पर ही की गई थी।