चैतन्य बघेल के हाथों हुआ 360 शिक्षक – शिक्षिकाओं का सम्मान


00 महापौर निर्मल कोसरे के संयोजन में भिलाई – चरोदा में अब तक का बड़ा आयोजन
00 सम्मानित शिक्षक वृंद ने हर्ष जताते हुए गरिमामयी आयोजन को सराहा
भिलाई / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सुपुत्र चैतन्य बघेल के हाथों भिलाई – चरोदा नगर निगम क्षेत्र के 360 शिक्षक और शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। महापौर निर्मल कोसरे के संयोजन में आयोजित यह शिक्षक दिवस सम्मान समारोह भिलाई – चरोदा में भीड़ के लिहाज से अब तक का बड़ा आयोजन रहा। सम्मानित हुए शिक्षक वृंद ने हर्ष जताते हुए गरिमामयी आयोजन के लिए महापौर श्री कोसरे को साधुवाद दिया।
भिलाई-3 के मंगल भवन में रविवार को शिक्षक दिवस सम्मान समारोह 2023 का गरिमामय आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सुपुत्र चैतन्य बघेल के मुख्य आतिथ्य में संपन्न आयोजन के संयोजक महापौर निर्मल कोसरे थे। कार्यक्रम में भिलाई – चरोदा नगर निगम क्षेत्र के 360 शिक्षक – शिक्षिकाओं को श्रीफल, स्मृति चिन्ह और कलम भेंटकर सम्मानित किया गया। गरिमा और भव्यता के लिहाज से यह आयोजन भिलाई – चरोदा में अब तक का बड़ा शिक्षक दिवस सम्मान समारोह साबित हुआ। इसके लिए सम्मानित हुए शिक्षक और शिक्षिकाओं ने महापौर निर्मल कोसरे की भूरि भूरि प्रसंशा करते हुए उन्हें साधुवाद दिया।
आयोजन में जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल, नगर निगम सभापति कृष्णा चन्द्राकर, निगम आयुक्त अजय कुमार त्रिपाठी, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी टी. आर. जगदल्ले, समाजसेवी सुरेश धिंगानी, प्रदेश कांग्रेस संयुक्त महामंत्री सुजीत बघेल, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मनोज मढ़रिया, एमआईसी सदस्य मोहन साहू, एस. वेंकट रमना, ईश्वर साहू, मनोज कुमार डहरिया, एम. जॉनी, दीप्ति वर्मा एवं देव कुमारी भल्लावी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। आयोजन के दौरान रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम ने भी आकर्षण बिखेरा।
कार्यक्रम के मुख्य आतिथ्य चैतन्य बघेल ने सभी सम्मानित शिक्षक व शिक्षिकाओं को बधाई देते हुए समाज में उनके योगदान को अतुलनीय बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षक वृंद बच्चों को ज्ञान और शिक्षा प्रदान कर भविष्य के लिए अच्छे नागरिक बनने की नींव रखते हैं। महापौर निर्मल कोसरे ने अपने आमंत्रण पर स्वीकृति प्रदान करते हुए सम्मान समारोह में पहुंचे सभी शिक्षक और शिक्षिकाओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भिलाई – चरोदा नगर निगम क्षेत्र में बेहतर शैक्षणिक परिवेश बनाने में शिक्षक – शिक्षिकाओं के समर्पण और निष्ठा को भुलाया नहीं जा सकता।


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