महाकुंभ में 30 लोगों की मौत, मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का ऐलान, सीएम योगी ने दिए न्यायिक जांच के आदेश


Mahakumbh Stampede: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से बड़ी खबर है। महाकुंभ में मंगलवार (28 जनवरी) देर रात भगदड़ मच गई। संगम तट पर करीब डेढ़ बजे मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई। डीआईजी वैभव कृष्ण ने जानकारी देते हुए बताया कि भगदड़ में 90 लोग घायल हुए हैं। भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने बुधवार (29 जनवरी) को मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द करने का ऐलान किया। हालांकि, बाद में भीड़ घटने के साथ ही बिना शोभा यात्रा के साथ सभी अखाड़ों ने अमृत स्नान किया। प्रशासन संगम त्रिवेणी घाट पर फिलहाल आम श्रद्धालुओं को एंट्री नहीं दे रहा है।





डीआईजी, वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए आधिकारिक मौत के आंकड़ों की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि रात 1-2 बजे के बीच हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई है। इसमें 25 लोगों की पहचान हो गई है और बाकी 5 की पहचान की जा रही है। इस हादसे में 90 से ज्यादा श्रद्धालु घायल भी हुए हैं।

अफवाह के कारण मची भगदड़
मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे संगम नोज पर अचानक भगदड़ मची। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, किसी अफवाह के कारण श्रद्धालुओं में घबराहट फैल गई और भीड़ बेकाबू हो गई। अफरातफरी के दौरान कुछ महिलाएं नीचे गिर गईं, जिसके बाद लोग उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ गए। इस घटना के बाद प्रशासन ने स्थिति को काबू में लाने के लिए एनएसजी कमांडो को तैनात कर दिया है। वहीं, श्रद्धालुओं की भीड़ को काबू करने के लिए संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है।

डीआईजी ने दी जानकारी

प्रयागराज मेला प्रशासन की ओर से डीआईजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भगदड़ की पूरी घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घटना के तुरंत बाद पुलिस-प्रशासन की टीम एक्टिव हो गई। घायलों को इलाज के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि भगदड़ में 90 लोग घायल हो गए। इसमें से 30 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि बैरिकेड टूटने के कारण यह भीषण हादसा हुआ। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अमृत स्नान की भीड़ को देखते हुए वीवीआईपी प्रोटोकॉल को स्थगित किया गया था।

घटना के कारणों का जिक्र करते हुए डीआईजी ने कहा कि संगम नोज पर भारी भीड़ देर रात जमा हो गई थी। वहां अखाड़ों के शाही स्नान के लिए बैरिकेड लगाए गए थे। उस पर दबाव पड़ने के कारण बैरिकेड टूट गया। इस वजह से लोग गिरे और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। वहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु देर रात पॉलिथीन बिछाकर लेटे हुए थे। उनके ऊपर से भीड़ निकल गई।

मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की मदद का ऐलान

मुख्यमंत्री योगी के आदेश के अनुसार, कुम्भ हादसे की ज्यूडिशियल इंक्वायरी होगी, जिसके लिए पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर दी है। कमेटी में वीके गुप्ता, रिटायर्ड आईएएस बीके सिंह शामिल किए गए हैं। हादसे की तह तक जाने के लिए पुलिस भी जांच करेगी। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की मदद का एलान किया है।

सीएम ने दिए हादसे की न्यायिक जांच के आदेश

महाकुंभ भगदड़ को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 3 सदस्यीय आयोग घटना की जांच करेगा। उन्होंने घटना पर दुख भी जताया है।

पीएम मोदी ने हादसे पर जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ की घटना पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें अपने प्रियजनों को खोने वाले श्रद्धालुओं के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। पीएम मोदी ने  योगी आदित्यनाथ से भी बात की और स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने प्रशासन को पीड़ितों की हरसंभव मदद के निर्देश दिए।

शिवसेना नेता संजय राउत ने यूपी सरकार को घेरा
इस हादसे को लेकर विपक्ष ने यूपी सरकार पर निशाना साधा है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि योगी सरकार महाकुंभ मेले के प्रचार-प्रसार में लगी रही, लेकिन व्यवस्थाओं पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब गृह मंत्री और रक्षा मंत्री स्नान के लिए पहुंचे, तो पूरा क्षेत्र सील कर दिया गया, जिससे आम श्रद्धालुओं को भारी परेशानी हुई। राउत ने कहा, “1954 में पंडित नेहरू खुद महाकुंभ की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने गए थे, लेकिन आज के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री उतने सक्रिय नहीं दिख रहे।

रेलवे ने भगदड़ के बाद दी सफाई
महाकुंभ में भगदड़ के बाद रेलवे ने स्थिति स्पष्ट की। रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता दिलीप कुमार ने कहा कि मौनी अमावस्या पर भीड़ को संभालने के लिए रेलवे ने व्यापक योजना बनाई थी। उन्होंने कहा, “हमारी योजना थी कि जब श्रद्धालु स्नान के बाद घर लौटेंगे, तो अधिक संख्या में अनारक्षित श्रेणी की ट्रेनें चलाई जाएंगी। लेकिन हादसे के बाद कुछ ट्रेनों को अस्थायी रूप से रोका गया था। अब स्थिति नियंत्रण में है।” इस बीच, प्रशासन ने कुंभ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए आसपास के जिलों से डॉक्टरों को भेजने के निर्देश दिए हैं।

भगदड़ मचने की वजह आई सामने
भगदड़ के पीछे प्रशासनिक लापरवाही भी सामने आई है। पहला कारण यह बताया जा रहा है कि अमृत स्नान के दौरान अधिकतर पोंटून पुलों को बंद कर दिया गया था, जिससे लाखों की भीड़ संगम क्षेत्र में जमा हो गई। इस दौरान कुछ श्रद्धालु बैरिकेड्स में फंस गए और गिर पड़े, जिससे भगदड़ की अफवाह फैल गई। दूसरा कारण संगम नोज क्षेत्र में प्रवेश और निकास मार्गों का अलग न होना रहा। श्रद्धालु उसी रास्ते से लौट रहे थे, जिससे वे आए थे, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *